सतीश "बब्बा"
समोसा जी तेरे गुण गाऊँ,
अण्डा, बण्डा को दूर भगाऊँ,
तुम में क्या जादू समझ न पाऊँ,
मैदा, आलू में चटनी लगाऊँ!
आलू बण्डा ब्रेड पकौडा़,
रहे भजिया बेसन भौंडा़,
दिन - भर वे बिक नहीं पाते,
तुमको खाते अडाणी, गौडा़!
समोसा जी को माँगे सब कोई,
सुबह, दोपहर, अरु साँझ, सवाई,
तुमको आंटी माँगे भाई - भौजाई,
तुम्हारी आफिसों में होय खिंचाई!
समोसा जी जाने तुम्हें बनाया किसने,
कैसे जुगत लगाया होगा उसने,
तुमको खाकर ही जलोटा लगे हैं गाने,
सेहत को क्या होगा सोचा नहीं किसी ने!
आज समोसा जी हो तुम नंबर वन में,
अजीब स्वाद है तुमको खाने में,
कोई दिक्कत नहीं होती तुमसे मिलने में,
मान गए कुछ तो है समोसा जी तुझमें!!
सतीश "बब्बा