सतीश "बब्बा"
यह राजकीय मुद्रा,
पास में जब नहीं होती,
अपने कोई गर्लफ्रेंड नहीं होती,
इसके कोई दया नहीं होती!
यह राजकीय मुद्रा है तो,
सभी अपने होते हैं,
मुद्रा नहीं पास है तो,
अपने भी पराए होते हैं!
इस राजकीय मुद्रा से,
सब कुछ खरीद सकते हैं,
यह चलना सिखाती है,
यह दौड़ाती, चलाती है!
यह राजकीय मुद्रा,
हँसाती, रुलाती है,
यह बुद्धि, विद्या देती है,
यह बहुत कमाल की है!
यह राजकीय मुद्रा,
मेरे पास नहीं रहती है,
दुनिया से उपेक्षित हूँ,
न मरता हूँ, न जीता हूँ!!