सतीश "बब्बा"
उसने कहा था, आऊँगा,
अकेले में तुम्हें बताऊँगा,
बाललीला तुम्हें दिखाऊँगा,
हँस - हँस कर तेरे संग खेलूँगा!
नन्हें पावँ खेलूँगा, नाचूँगा,
तेरी गोद से नहीं उतरूँगा,
रो - रो कर तुझे भी रुलाऊँगा,
तुझ संग खुशी के गीत गाऊँगा!
तू आया, किया वादा निभाया,
बनकर पोता दिया खुशियाँ,
बाल लीलाएं तू ने दिखाया,
तू ही है कृष्णा, मुझे याद आया!
बहुत निर्दयी था, आज भी है,
मुझ नंद के पास से चला गया है,
अपने नानी - नाना, कंस के घर है,
उसे मारने नहीं सुख देने गया है!
तू उन्हें हँसाकर, मुझे रुलाया है,
तेरे बिना हमारा हाल बुरा है,
तेरी दादी - अम्मा मुझसे ज्यादा दुखी है,
मैं जान गया कान्हा तू छलिया है!!
सतीश "बब्बा"