सतीश "बब्बा"
मैं हूँ साठ साला किसान हूँ,
घर से रिटायर हूँ, काम से नहीं,
बहुएँ, नाती - पोते हो गए,
घर के अंदर रहने का अधिकार नहीं!
सरकारी नौकरी होती तो भी,
साठ बरस में रिटायर हो जाता,
पेंशन, रुपयों के कारण,
मेरा मान - सम्मान होता!
एक दिन के लिए भी विधायक होता,
तो भी आजीवन पेंशन पाता,
समारोहों में बुलाया जाता,
सम्मान के साथ माला पहनाया जाता!
मैं हूँ किसान इसीलिए,
खेत से रिटायरमेंट नहीं,
घर के अंदर जाने का अधिकार नहीं,
मन का खाना खाने का अधिकार नहीं!
अपना पानी अपने कमरे में रखता हूँ,
नहीं किसी को तंग करता हूँ,
रिटायरमेंट तभी जब मैं मरता हूँ,
मैं भारत का किसान हूँ!!
सतीश "बब्बा"