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About सतीश "बब्बा"

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Books of सतीश "बब्बा"

नन्नू के कक्का

नन्नू के कक्का

यह सतीश "बब्बा" ( सतीश चन्द्र मिश्र ) द्वारा लिखित पुस्तक एक बार शुरू कर , पूरी पढ़ने का मन करता है , ऐसा लगता है कि, हमारी -अपनी कहानी इसमें लिखी गई है । यह पुस्तक पूर्ण रूप से काल्पनिक है । अगर किसी के जीवन से मेल खाती है तो यह महज एक संयोग मात्र ह

14 Readers
106 Articles
नन्नू के कक्का

नन्नू के कक्का

यह सतीश "बब्बा" ( सतीश चन्द्र मिश्र ) द्वारा लिखित पुस्तक एक बार शुरू कर , पूरी पढ़ने का मन करता है , ऐसा लगता है कि, हमारी -अपनी कहानी इसमें लिखी गई है । यह पुस्तक पूर्ण रूप से काल्पनिक है । अगर किसी के जीवन से मेल खाती है तो यह महज एक संयोग मात्र ह

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गरीबा

गरीबा

सतीश बब्बा की यह पुस्तक अपने - आप में अनूठी है, ऐसा लगता है जैसे हमारी ही कहानी लिखी गई है। एक बार शुरू कर दिया पढ़ना तो फिर अंत तक फिर बंद ही नहीं किया जाता है।

3 Readers
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गरीबा

गरीबा

सतीश बब्बा की यह पुस्तक अपने - आप में अनूठी है, ऐसा लगता है जैसे हमारी ही कहानी लिखी गई है। एक बार शुरू कर दिया पढ़ना तो फिर अंत तक फिर बंद ही नहीं किया जाता है।

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Articles of सतीश "बब्बा"

लघुकथा। "मड़ियार सिंह"

2 October 2022
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लघुकथा। "मड़ियार सिंह" सतीश "बब्बा" आज मड़ियार

हमारे गाँव का खोता भाईचारा।

2 October 2022
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जहाँ कभी प्रेम की नदिया बहती थी। जहाँ पूरा गाँव एक परिवार की तरह रहता था। नित उत्सव, पुराण, कीर्तन और लोकगीत हुआ करते थे, आज गाँव में शराब और जातिवाद, नेतागिरी तथा लालच ने अब परिवार बिखर गए हैं। शराब

हम बहुत थके थे।

26 September 2022
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उस दिन जब उसकी बीमारी में पैसे लेकर सतना के लिए चला था तो, दोपहर के बारह बजे थे, सुर्य भगवान आग उगल रहे थे। और हम बहुत थके थे। लेकिन जैसे ही मैं धारकुंडी पहुँचा वहाँ के महा

किसान

24 September 2022
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कविता। "किसान" सतीश "बब्बा" तपती है दोपहर, जलत

क्यों थमी कलम

24 September 2022
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कविता। "क्यों थमी कलम" &nbs

सब कोई

24 September 2022
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पंडित जी

24 September 2022
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मोबाइल तेरे कारण

24 September 2022
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कविता। "प्यार" सतीश "बब्बा" वही मैं था, वही मेरी संगिनी थ

मोबाइल तेरे कारण

24 September 2022
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कविता। "मोबाइल तेरे कारण" &

गली जीवन की

24 September 2022
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