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एक दिन

24 September 2022

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                                      सतीश "बब्बा" 

यह खेल है एक दिन का, 
सिर्फ फेर है तेरे समझ का, 
यह जीवन है एक दिन का, 
क्यों अभिमान करे एक दिन का! 

सुबह की तरह बचपन आया, 
कुछ दिन चढ़ा सा किशोर अवस्था, 
भरी दोपहर सा जवानी आया, 
कुछ दिन ढले सा प्रौढ़ावस्था! 

फिर साँझ हुई सा बुढ़ापा घेरा, 
थोड़ी रात गई सा जर्जरा, 
और रात सा तमाम रोग घेरा, 
गहरी रात में मौत सन्नाटा घेरा!

यही सिलसिला चलता रहता, 
कोई नहीं इसे रोक सकता, 
सुबह खेल - खेल में बीतता, 
हल्की दुपहरी में पढ़ने जाता! 

भरी दोपहर भोजन - भोग करता, 
अपने बारे में भी कहाँ, कौन सोचता, 
बीत गया दिन सा जीवन, 
रात भयावह मौत देखकर सिर्फ सोचता! 

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नन्नू के कक्का
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यह सतीश "बब्बा" ( सतीश चन्द्र मिश्र ) द्वारा लिखित पुस्तक एक बार शुरू कर , पूरी पढ़ने का मन करता है , ऐसा लगता है कि, हमारी -अपनी कहानी इसमें लिखी गई है । यह पुस्तक पूर्ण रूप से काल्पनिक है । अगर किसी के जीवन से मेल खाती है तो यह महज एक संयोग मात्र है , इसके लिए लेखक, प्रकाशक जिम्मेदार नहीं हैं ।
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लेखक परिचय

24 September 2022
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विंध्य क्षेत्र के पिछड़े इलाका चित्रकूट जिले के कोबरा गाँव ( कौबरा ) में जन्मा लेखक सतीश "बब्बा" पूरा नाम - सतीश चन्द्र मिश्र, माता स्व. श्रीमती मुन्नी देवी मिश्रा, पिता - स्व. श्री जागेश्वर प्रसाद मि

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कविता। "नन्नू के कक्का"

24 September 2022
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कविता। "नन्नू के कक्का" &nb

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24 September 2022
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सतीश "बब्बा" जबसे आया इस दुनिया में, चलता ही रहा, चलता ही

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कविता। "यदि होता पक्षी"

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कविता। "यदि होता पक्षी" &n

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लेखक परिचय

24 September 2022
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विंध्य क्षेत्र के पिछड़े इलाका चित्रकूट जिले के कोबरा गाँव ( कौबरा ) में जन्मा लेखक सतीश "बब्बा" पूरा नाम - सतीश चन्द्र मिश्र, माता स्व. श्रीमती मुन्नी देवी मिश्रा, पिता - स्व. श्री जागेश्वर प्रसाद मि

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जीवन

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कविता। "जीवन" सतीश "बब्बा" जीवन क

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नन्हीं परी

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कविता

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"स्वच्छ पवन की खोज"

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कविता। "स्वच्छ पवन की खोज"

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उड़ते पक्षी से सीखो

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कविता। "उड़ते पक्षी से सीखो" &nbs

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चंदामामा

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कविता। "चंदामामा" &nb

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कवि नहीं बनना"

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कविता। "कवि नहीं बनना" &nb

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यह दुनिया

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कविता। "यह दुनिया" &

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हँस हँस के रुलाना है

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कहानी

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कविता। "कहानी" सतीश "बब्बा" यह धर

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माँ

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कविता। "माँ" सतीश "बब्बा" क्यों याद आ गयी तेरी माँ, करती थ

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राजकीय मुद्रा

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कविता। "कविता"

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सतीश "बब्बा" एक दिवस बंदर भैया, गए पढ़ने स्कूल, क्या पढ़ाय

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याद बहन की

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अम्मा - बापू

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बादल

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कवि

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दिल की बातें

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कविता। "दिल की बातें" &nbsp

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गाँव मेरे

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कविता। "गाँव मेरे" सतीश "बब्बा"&

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छलिया

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गीत

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कविता। "गीत" सतीश "बब्बा" यह गीत गुनगुनाना,&n

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गीत

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कविता। "रिश्तेदारी में" सतीश "बब

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परछाई

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माँ के बिन

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कविता। "माँ के बिन" सतीश "

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मैं रूठ जाता

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कविता। "मैं रूठ जाता" &nbsp

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माँ

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अमृत महोत्सव

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कविता। "अमृत महोत्सव" &nbsp

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कुदरत

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बारात

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शराब

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आना मेरे गाँव

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फूफा जी

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टीवी और वीवी

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बहुत से लोग

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गीत खुशी के

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कविता। "गीत खुशी के"

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मीठी तान

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कविता। "मीठी तान" सतीश "बब

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जीना है

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गरीबी

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यह जीना

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छींक

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कविता। "छींक" सतीश "बब्बा"

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जाना है

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कविता। "जाना है" सतीश "बब्बा"&nb

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कविता। "पिता" सतीश "बब्बा" भूखा पिता था

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हे महाकाल

24 September 2022
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हे महाकाल तुझको प्रणाम, मैं समझ गया मैं मानव हूँ, तुम हो सब कुछ ईश्वर, तुझको तन - मन - धन अर्पण! मैं भूल गया था, तू नहीं भूला, संसार है तेरे दर्शन का भूखा, इतने बड़े संसार में म

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याद आऊँगा

24 September 2022
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सोच रहा हूँ, हम कल दो थे, वह आज सुबह ही छोड़ गए, हो गया अकेला तेरे दर पर, उनके लिए भी प्रार्थना करता हूँ! हे माँ जगदम्बे तेरी महिमा कौन जाने, तूने बुलाया उनको प्रेरित कर,&nbsp

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बहन

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सतीश "बब्बा" वह हाथ पकड़े थी ऐसे, छोड़ेगी नहीं कभी जैसे,&

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हमारी आस्था

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पीपल

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वटबृक्ष

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कहानी गाँव की

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वर्षा रानी

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सतीश "बब्बा" वर्षा रानी तुम आ जाओ, सूखे ताल - तलैया भर जाओ, नदी की धार फिर से चला जाओ, प्यासी धरती को पानी पिलाओ! कान पकड़ कर कसम सब

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आशा

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बचपन

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आशाएं

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बागड़बिल्ला

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भोला पान वाला

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कविता। "भोला पान वाला" &nbs

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जादू की छड़ी

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कविता। "जादू की छड़ी" &nbsp

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एक बेचारा

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सूखे से

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बाप

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बाप

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सूखा

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समय

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कविता। "समय" सतीश "बब्बा"&

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परिवार

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माँ

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कविता। "माँ" सतीश "बब्बा" घूम - बाग कर,

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नशा मुक्ति

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चिलमन

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बेटा

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बादल

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कविता। "बादल" सतीश "बब्बा" बहुत दिनों में आए बादल, ट

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जीवन

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भगवान

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बाप हूँ

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उदास रौशनी है

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कविता

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सतीश "बब्बा"ज

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सेठ का पेट

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सप्ताह का खेल

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एक दिन

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मिठाई

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मेरी मैयत गुमसुम होगी

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सावन का मेला

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कविता। "सावन का मेला" &nbsp

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सफर

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जिंदगी का सफर है, यह अंतिम सफर, यह तो कटता नहीं, चुकाए चुकता नहीं! गीत गाता कभी, है हंँसता कभी, खूब रोता कभी, गम का सागर कभी! जिंदगी का सफर, साथ हो हमसफर,&

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जोंधइया

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सावन

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बरखा

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बादल

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मोबाइल तेरे कारण

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