सतीश "बब्बा"
बहुत से लोग,
आजादी का,
अमृतमहोत्सव मनाते हैं,
फोटो खिंचवाते हैं!
बहुत से लोग,
पर्यावरण शुद्धि के लिए,
पेंड़ लगाते हैं,
फोटो खिंचवाते हैं!
बहुत से लोग,
महापुरुषों की,
जयंती मनाते हैं,
फोटो खिंचवाते हैं!
आजादी के,
स्वर्णमहोत्सव में,
कुछ करते हैं, नहीं,
सिर्फ पोस्टर में रहते हैं!
पेंड़ लगाकर,
उसका संरक्षण नहीं करते,
दूसरे साल फिर वहीं,
पेंड़ पकड़कर फोटो खिंचवाते हैं!
वह सूखते पेड़,
लहराता तिरंगा,
क्या कहते हैं?
महापुरुषों की मंशा,
कभी जानने की,
कोशिश भी नहीं की,
उन लोगों ने!