वास्तु दोष के अनुसार घर में कबूतर पालना अशुभ क्यों माना जाता है?
वास्तु शास्त्र में घर का हर तत्व—दिशाएं, जीव-जंतु, और वास्तु संरचना—ऊर्जा पर प्रभाव डालते हैं। कबूतरों को घर में पालना या उनका बार-बार घर में आना कई प्रकार से नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसके पीछे कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
1. नकारात्मक ऊर्जा का संचार
कबूतरों के पंखों और शरीर से निकलने वाले धूलकण और परजीवी घर के वातावरण को दूषित कर सकते हैं। इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो घर के सदस्यों की मानसिक शांति और स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकती है।
2. वास्तु दोष और आर्थिक हानि
वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि यदि कबूतर घर की छत, खिड़कियों, बालकनी या किसी कोने में घोंसला बनाते हैं, तो यह आर्थिक हानि का संकेत हो सकता है। इससे घर में धन की कमी, कर्ज बढ़ने और व्यावसायिक नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है।
3. बीमारी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
कबूतरों की बीट (मल-मूत्र) से कई प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया और फंगस उत्पन्न होते हैं, जिससे सांस संबंधी बीमारियां (जैसे अस्थमा, एलर्जी, और फेफड़ों का संक्रमण) हो सकती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, स्वास्थ्य बिगड़ना भी नकारात्मक ऊर्जा के संचार का संकेत है।
4. अशुभ संकेत और दुर्भाग्य
कबूतरों का घर के भीतर बार-बार आना या उनके मरने की घटनाएं अशुभ मानी जाती हैं। यह दुर्घटनाओं, विवादों और पारिवारिक कलह का कारण बन सकता है। विशेष रूप से यदि कबूतर घर में प्रवेश करने के बाद बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, तो इसे वास्तु दोष से जुड़ा हुआ नकारात्मक संकेत माना जाता है।
5. पूर्वजों की अशांति और पितृ दोष
हिंदू धर्म में कुछ मान्यताओं के अनुसार, यदि कबूतर घर की छत या खिड़कियों पर अधिक संख्या में बैठते हैं या घर में बार-बार आते हैं, तो यह पितृ दोष (पूर्वजों की अशांति) का संकेत हो सकता है। यह घर के सदस्यों के लिए अशुभ होता है और जीवन में बाधाएं उत्पन्न कर सकता है।
क्या करें?
- यदि घर में कबूतरों का आना-जाना अधिक हो गया हो, तो उनकी संख्या को नियंत्रित करने के उपाय करें।
- बालकनी और छत को साफ रखें और वहां भोजन-पानी रखने से बचें।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए तुलसी का पौधा लगाएं और नियमित रूप से हवन करें।
- यदि वास्तु दोष की समस्या अधिक हो, तो किसी अनुभवी वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लें।
निष्कर्ष:
हालांकि कबूतर एक शांतिपूर्ण पक्षी हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, इन्हें घर के अंदर पालना या इनका घर में बार-बार आना नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इससे आर्थिक, स्वास्थ्य और मानसिक शांति से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए इन्हें घर से दूर रखना ही बेहतर होता है।