बाबा भैरवनाथ की ऐतिहासिक कहानी एवं महिमा
भैरवनाथ को भगवान शिव का उग्र और शक्तिशाली रूप माना जाता है। उन्हें काल भैरव या भैरव के नाम से भी जाना जाता है। उनकी कहानी और महिमा से जुड़ी कई पौराणिक कथाएँ भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं।
भैरवनाथ की पौराणिक कथा
भैरवनाथ की कथा का उल्लेख शिवपुराण, स्कंदपुराण और अन्य धर्मग्रंथों में मिलता है। कथा के अनुसार, एक बार ब्रह्मा, विष्णु, और शिव के बीच श्रेष्ठता का विवाद हुआ। ब्रह्मा ने शिव का अपमान किया। इस पर भगवान शिव ने अपने तीसरे नेत्र से भैरव को प्रकट किया।
- भैरव का उद्देश्य: भैरव ने ब्रह्मा का अहंकार तोड़ने के लिए उनका पाँचवाँ सिर काट दिया। इस कारण भैरव को ब्रह्महत्या के दोष से मुक्ति के लिए काशी (वाराणसी) में वास करना पड़ा। वहाँ उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद मिला और वे काल भैरव के रूप में पूजित हुए।
- भैरव का वाहन: उनका वाहन कुत्ता है, जो निष्ठा और सतर्कता का प्रतीक है।
बाबा भैरवनाथ और वैष्णो देवी
एक और प्रसिद्ध कथा के अनुसार, बाबा भैरवनाथ ने माता वैष्णो देवी का पीछा किया था। माता ने उनकी परीक्षा लेने के लिए उन्हें दर्शन दिए। अंततः माता ने त्रिशूल से उनका सिर धड़ से अलग कर दिया। भैरवनाथ ने अपनी भूल मानते हुए माफी माँगी, और माता ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि उनके मंदिर में आने वाले भक्तों की यात्रा तभी पूरी होगी, जब वे भैरवनाथ के मंदिर में दर्शन करेंगे।
भैरवनाथ की महिमा
- काल भैरव के रूप में:
- भैरव को समय और मृत्यु का स्वामी कहा जाता है।
- वे भक्तों के भय को दूर करते हैं और जीवन में साहस प्रदान करते हैं।
- संकटहारी देवता:
- मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धापूर्वक उनकी पूजा करते हैं, उनके जीवन से सभी कष्ट और बाधाएँ दूर हो जाती हैं।
- दंडपाल:
- भैरव को काशी का दंडपाल कहा गया है। यह माना जाता है कि काशी में मरने वाले की आत्मा को भैरव भगवान के न्याय का सामना करना पड़ता है।
भैरवनाथ की पूजा
- भैरवाष्टमी और कालाष्टमी के दिन उनकी विशेष पूजा होती है।
- काले तिल, सरसों का तेल, नारियल और कुत्तों को भोजन अर्पित करना शुभ माना जाता है।
- उनका मंत्र "ॐ कालभैरवाय नमः" विशेष रूप से शक्तिशाली है।
भैरवनाथ के प्रसिद्ध मंदिर
- काल भैरव मंदिर, वाराणसी
- भैरवनाथ मंदिर, वैष्णो देवी
- काल भैरव मंदिर, उज्जैन
भैरवनाथ की आराधना से न केवल भयमुक्त जीवन की प्राप्ति होती है, बल्कि आत्मा का शुद्धिकरण और मोक्ष का मार्ग भी खुलता है।