हीर रांझा, पंजाब की सबसे प्रसिद्ध और सदियों पुरानी प्रेम कहानी है। इसे वारिस शाह द्वारा 18वीं सदी में कविता के रूप में अमर किया गया। यह कहानी सच्चे प्रेम, बलिदान और सामाजिक बंधनों के खिलाफ संघर्ष की मिसाल है।
कहानी का सार:
हीर पंजाब के झंग जिले की एक खूबसूरत लड़की थी, जो एक धनी परिवार से ताल्लुक रखती थी। रांझा एक साधारण किसान था, जो अपनी मधुर बांसुरी वादन के लिए प्रसिद्ध था। दोनों की मुलाकात तब हुई जब रांझा अपने घर से निकलकर घूमने गया और हीर के गांव पहुंचा।
हीर और रांझा के बीच गहरा प्रेम हो गया, लेकिन उनके प्यार को हीर के परिवार ने स्वीकार नहीं किया। समाज और परिवार की कठोरता के चलते हीर की शादी जबरदस्ती एक अन्य व्यक्ति, सैदू से कर दी गई।
रांझा, हीर से अलग होने के दर्द में एक योगी बन गया और हीर को पाने के लिए संघर्ष करता रहा। अंत में, दोनों को मिलाने का फैसला किया गया, लेकिन कहानी का दुखद अंत तब हुआ जब हीर को जहर देकर मार दिया गया। रांझा भी अपने प्रेमिका के बिना जीने के बजाय उसकी मौत का अनुसरण करता है।
संदेश:
हीर रांझा की कहानी प्रेम के लिए बलिदान, सामाजिक बंधनों की क्रूरता, और प्रेम की शाश्वतता को दर्शाती है। यह आज भी लोगों के दिलों में अमर है और भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा बनी हुई है।