मिल्टन की "Paradise Lost" का सरल भाषा में सारांश
"Paradise Lost" जॉन मिल्टन की एक प्रसिद्ध महाकाव्य कविता है। यह कविता 12 खंडों में विभाजित है और मुख्य रूप से बाइबिल की कहानियों पर आधारित है। इसमें आदम और हव्वा की कहानी, उनके स्वर्ग से निष्कासन, और शैतान की विद्रोह गाथा को विस्तार से बताया गया है।
कविता का मुख्य विषय:
यह कविता मानव जाति के पतन, ईश्वर की महानता, और शैतान के अहंकार के परिणामों पर केंद्रित है।
कहानी का सारांश:
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शैतान का विद्रोह और स्वर्ग से निष्कासन
शैतान (सैटन) और उसके साथी स्वर्ग में ईश्वर के खिलाफ विद्रोह करते हैं। वे हार जाते हैं और नर्क में फेंक दिए जाते हैं। नर्क में, शैतान अपने साथियों को इकट्ठा करता है और मानव जाति को बर्बाद करने की योजना बनाता है ताकि ईश्वर से बदला ले सके। -
आदम और हव्वा की सृष्टि
ईश्वर ने स्वर्ग के बगीचे (गार्डन ऑफ ईडन) में आदम और हव्वा को बनाया। उन्हें सुखी और स्वतंत्र जीवन जीने के लिए कहा, लेकिन उन्हें "ज्ञान के वृक्ष" का फल खाने से मना किया। -
शैतान की चालाकी
शैतान एक सांप का रूप लेकर हव्वा को ज्ञान के वृक्ष का फल खाने के लिए उकसाता है। हव्वा शैतान के जाल में फँस जाती है और फल खा लेती है। बाद में आदम भी फल खाता है। -
स्वर्ग से निष्कासन
फल खाने के बाद, आदम और हव्वा को अपनी गलती का एहसास होता है। ईश्वर उन्हें स्वर्ग से बाहर निकाल देते हैं, लेकिन साथ ही उन्हें भविष्य में मुक्ति और क्षमा का वादा करते हैं।
मुख्य संदेश:
"Paradise Lost" यह दर्शाती है कि कैसे मानव अपनी कमजोरी के कारण गलती करता है, लेकिन ईश्वर दयालु हैं और वे मनुष्य को मोक्ष का रास्ता दिखाते हैं। यह कविता ईश्वर की शक्ति, प्रेम और न्याय को उजागर करती है।
भाषा और शैली:
मिल्टन ने कविता को समृद्ध और गहरी भाषा में लिखा है। इसे समझने के लिए बाइबिल की कहानियों का ज्ञान सहायक होता है।
संक्षेप में, "Paradise Lost" मानव जाति के पतन और ईश्वर की अनंत दया की कहानी है।