Arms and the Man जॉर्ज बर्नार्ड शॉ का एक प्रसिद्ध नाटक है, जो युद्ध, प्रेम और मानवीय स्वभाव पर व्यंग्य करता है। इसका कथानक 19वीं शताब्दी के सर्बो-बुल्गारियाई युद्ध के समय पर आधारित है। यह नाटक मुख्यतः युद्ध और रोमांटिक आदर्शों के प्रति लोगों की धारणाओं पर सवाल उठाता है।
सारांश:
कहानी बुल्गारिया के एक छोटे से शहर में शुरू होती है।
1. पहली मुलाकात:
रैना पेटकोव (नायिका) एक अमीर और कुलीन परिवार की बेटी है। वह युद्ध में अपने मंगेतर, मेजर सार्जियस, की बहादुरी पर गर्व करती है। एक रात, स्विस सैनिक कैप्टन ब्लंटश्ली, जो दुश्मन की सेना का हिस्सा है, जान बचाने के लिए रैना के घर में शरण लेता है। वह खुद को युद्ध से थका हुआ और वास्तविकता से जुड़ा हुआ व्यक्ति साबित करता है।
रैना उसे अपने घर में छुपा लेती है और उसके व्यवहार से हैरान होती है। ब्लंटश्ली युद्ध को लेकर कोई महिमामंडित विचार नहीं रखता। वह बताता है कि युद्ध में बहादुरी से अधिक चालाकी मायने रखती है।
2. मंगेतर की वापसी:
सार्जियस युद्ध से लौटता है और अपनी वीरता की कहानियां सुनाता है। लेकिन धीरे-धीरे उसकी असली कमजोरियां सामने आती हैं। वह दिखावा करने वाला और कुछ हद तक स्वार्थी है।
3. सच सामने आता है:
ब्लंटश्ली फिर से रैना के घर आता है। इस बार सच्चाई सामने आती है कि रैना और सार्जियस के रोमांटिक विचार सिर्फ आदर्शवाद हैं। रैना को ब्लंटश्ली का ईमानदार और व्यावहारिक दृष्टिकोण पसंद आता है।
4. सुखद अंत:
आखिर में, रैना को एहसास होता है कि वह सार्जियस से सच्चा प्यार नहीं करती। वह ब्लंटश्ली के साथ रहने का फैसला करती है। ब्लंटश्ली, जो शुरू में मामूली सैनिक लगता था, असल में एक अमीर व्यापारी निकलता है।
मुख्य विचार:
- युद्ध में बहादुरी की जगह वास्तविकता और व्यावहारिकता अधिक महत्वपूर्ण है।
- सच्चा प्रेम आदर्शवाद पर नहीं, बल्कि वास्तविकता पर आधारित होता है।
- मानवीय कमजोरियां और वास्तविकता आदर्शवाद से अधिक प्रभावशाली होती हैं।
यह नाटक व्यंग्य के माध्यम से युद्ध और प्रेम के पारंपरिक विचारों पर सवाल उठाता है और यथार्थवाद की वकालत करता है।