वनस्पति घी का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, और इसके कई कारण हैं:
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ट्रांस फैट की अधिकता:
वनस्पति घी में ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है, जो हृदय संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है और धमनियों को सख्त बनाता है। -
पाचन पर प्रभाव:
वनस्पति घी को पचाना मुश्किल होता है, जिससे पाचन तंत्र पर अतिरिक्त भार पड़ता है। -
मोटापा बढ़ाने में योगदान:
इसमें उच्च कैलोरी होती है, जो अधिक मात्रा में सेवन से मोटापा और उससे जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकती है। -
डायबिटीज का खतरा:
यह इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ा सकता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। -
प्राकृतिक पोषक तत्वों की कमी:
वनस्पति घी को कृत्रिम रूप से तैयार किया जाता है और इसमें कोई प्राकृतिक पोषक तत्व नहीं होते। -
केमिकल प्रक्रिया:
इसे हाइड्रोजनीकरण प्रक्रिया से बनाया जाता है, जिसमें हानिकारक रसायनों का उपयोग होता है।
स्वस्थ विकल्प:
घरेलू देसी घी, सरसों का तेल, नारियल का तेल, या जैतून का तेल जैसे प्राकृतिक विकल्पों का उपयोग स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।