बाबा काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की ऐतिहासिक कहानी एवं महिमा
काशी विश्वनाथ का इतिहास
काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी (काशी) में स्थित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर का उल्लेख पुराणों और वेदों में भी किया गया है। यह भगवान शिव को समर्पित है और हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखता है।
काशी को मोक्ष नगरी कहा जाता है, जहां मृत्यु प्राप्त करने से मोक्ष मिलता है। मान्यता है कि स्वयं भगवान शिव ने इस नगरी की स्थापना की थी। यह स्थान आदि काल से ही ज्ञान, धर्म और अध्यात्म का केंद्र रहा है।
पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार ब्रह्मा और विष्णु में श्रेष्ठता को लेकर विवाद हुआ। इस विवाद को सुलझाने के लिए भगवान शिव एक विशाल अग्नि स्तंभ (ज्योतिर्लिंग) के रूप में प्रकट हुए। उन्होंने दोनों को इस स्तंभ का अंत ढूंढ़ने को कहा। ब्रह्मा झूठ का सहारा लेकर अपने श्रेष्ठ होने का दावा करने लगे, जिससे भगवान शिव नाराज हुए और उन्होंने ब्रह्मा की पूजा निषेध कर दी। इस घटना से यह प्रतीक बना कि भगवान शिव ही सर्वोच्च हैं।
काशी में स्थित ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव ने स्वयं अपनी कृपा से प्रतिष्ठित किया। यह ज्योतिर्लिंग भक्तों के पापों का नाश करता है और मोक्ष प्रदान करता है।
काशी विश्वनाथ मंदिर का महत्व
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आध्यात्मिक महत्व:
यह मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती की उपस्थिति का प्रतीक है। इसे हिंदू धर्म का केंद्र माना जाता है। -
मोक्ष प्राप्ति:
मान्यता है कि काशी विश्वनाथ के दर्शन करने से मनुष्य को मोक्ष मिलता है। यहां मृत्यु प्राप्त करने वालों को स्वयं भगवान शिव 'तारक मंत्र' देकर मोक्ष प्रदान करते हैं। -
तीर्थ स्थान:
यह मंदिर भारत के चार धाम और सात पुरियों में शामिल है। यह स्थान गंगा नदी के पास स्थित है, जो अपने आप में पवित्रता और शुद्धि का प्रतीक है। -
शक्तिपीठ और ज्योतिर्लिंग का संगम:
काशी विश्वनाथ मंदिर शिव और शक्ति का संगम है। यहां मां अन्नपूर्णा का मंदिर भी स्थित है, जो शिव-पार्वती की संयुक्त महिमा को दर्शाता है।
काशी विश्वनाथ की महिमा
- कहा जाता है कि यहां शिवलिंग के दर्शन मात्र से पाप नष्ट हो जाते हैं।
- भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- यह स्थान आत्मज्ञान और मुक्ति प्राप्त करने का प्रमुख केंद्र है।
समकालीन इतिहास
काशी विश्वनाथ मंदिर को कई बार तोड़ा गया और पुनर्निर्माण किया गया। वर्तमान मंदिर का निर्माण 1780 में मराठा महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का उद्घाटन किया, जिससे मंदिर तक पहुंचना और आसान हो गया।
निष्कर्ष
बाबा काशी विश्वनाथ का मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि यह भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का जीवंत प्रतीक है। इसकी महिमा समय और काल से परे है, और यह श्रद्धालुओं के लिए अनंत प्रेरणा का स्रोत है।