माता गायत्री हिंदू धर्म में प्रमुख देवी मानी जाती हैं, जो वेदों की देवी और ज्ञान, प्रकाश, और शुद्धता की प्रतीक हैं। उन्हें वेद माता कहा जाता है क्योंकि चारों वेद (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद) उनकी ही महिमा का गुणगान करते हैं। गायत्री माता को त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की शक्ति का स्वरूप माना जाता है। उनके 24 अक्षरों वाले गायत्री मंत्र को सभी मंत्रों में सबसे शक्तिशाली और पवित्र माना गया है।
गायत्री माता की ऐतिहासिक कहानी:
गायत्री माता से संबंधित एक प्रसिद्ध कथा इस प्रकार है:
पुराणों के अनुसार, राजा विश्वामित्र ने कठोर तपस्या और साधना के बाद गायत्री मंत्र का ज्ञान प्राप्त किया। इस मंत्र की शक्ति से उन्होंने ब्रह्मर्षि का दर्जा प्राप्त किया। गायत्री माता को वेदमाता इसलिए कहा गया क्योंकि वेदों की रचना उनकी कृपा से संभव हुई।
एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने जगत की सृष्टि के लिए यज्ञ किया। इस यज्ञ में उनकी सहायता के लिए एक देवी प्रकट हुईं, जो गायत्री माता के रूप में जानी गईं। उन्होंने ब्रह्मा जी को यज्ञ पूरा करने में सहायता की और संसार में धर्म, ज्ञान, और शांति स्थापित करने का आशीर्वाद दिया।
गायत्री माता की महिमा:
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गायत्री मंत्र:
गायत्री मंत्र के माध्यम से भक्त ज्ञान, ऊर्जा, और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करते हैं। मंत्र का उच्चारण मानसिक और शारीरिक शुद्धि करता है।
मंत्र:ॐ भूर् भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
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ज्ञान और बुद्धि की देवी:
गायत्री माता को प्रार्थना करने से व्यक्ति में आत्मज्ञान और विवेक का विकास होता है। उनकी कृपा से सभी अज्ञान दूर हो जाते हैं। -
संसार को शांति और प्रकाश प्रदान करना:
गायत्री माता को प्रकाश और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। उनकी पूजा से व्यक्ति के जीवन में शांति, सौहार्द, और सकारात्मकता का संचार होता है। -
त्रिपुरा देवी का स्वरूप:
गायत्री माता को त्रिपुरा देवी कहा जाता है, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश की संयुक्त शक्ति हैं। उनका पंचमुखी स्वरूप पवित्रता, धर्म, और सच्चाई का प्रतीक है।
गायत्री पूजा:
गायत्री माता की पूजा विशेष रूप से गायत्री जयंती के दिन की जाती है। उनकी आराधना में गायत्री मंत्र का 108 बार जाप, दीप प्रज्वलन, और ध्यान किया जाता है। यह पूजा साधक को आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती है।
गायत्री माता की उपासना से व्यक्ति को सुख, शांति, और समृद्धि प्राप्त होती है और वह सही मार्ग पर अग्रसर होता है।