राजकुमारी सेप्टेंबर की पक्षी प्रेम की कहानी एक सुंदर और मार्मिक कथा है, जिसे ब्रिटिश लेखक विलियम समरसेट मॉम ने लिखा है। यह कहानी सरल भाषा में नैतिकता और रिश्तों की अहमियत को दर्शाती है।
कहानी का सार:
राजकुमारी सेप्टेंबर अपने पिता, सियाम के राजा, की नौ बेटियों में सबसे छोटी थी। राजा ने अपनी सभी बेटियों को जन्मदिन पर एक तोता उपहार में दिया था। लड़कियां अपने तोतों को सुनहरे पिंजरों में रखती थीं और उन्हें बातें सिखाती थीं। लेकिन राजकुमारी सेप्टेंबर का तोता अचानक मर गया, जिससे वह बेहद दुखी हो गई।
एक रात, जब वह उदास होकर सो रही थी, एक छोटी चिड़िया उसके कमरे में आई और मधुर गीत गाने लगी। राजकुमारी को चिड़िया का संगीत बहुत पसंद आया, और उन्होंने उसे अपना दोस्त बना लिया। चिड़िया उसके लिए हर दिन नए-नए गीत गाती थी।
हालांकि, राजकुमारी की बहनें उसकी खुशी से ईर्ष्या करने लगीं। उन्होंने उसे सलाह दी कि चिड़िया को पिंजरे में बंद कर लेना चाहिए, ताकि वह हमेशा साथ रहे। राजकुमारी ने उनकी बात मान ली, लेकिन पिंजरे में कैद होते ही चिड़िया उदास हो गई और उसने गाना बंद कर दिया।
राजकुमारी ने महसूस किया कि पिंजरे में चिड़िया का दिल टूट गया है। उसे अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने चिड़िया को आज़ाद कर दिया। आज़ादी मिलने के बाद, चिड़िया ने खुशी-खुशी गाना शुरू कर दिया और वादा किया कि वह हमेशा लौटकर राजकुमारी से मिलने आएगी।
कहानी का संदेश:
यह कहानी हमें सिखाती है कि प्यार और दोस्ती में स्वार्थ का स्थान नहीं होना चाहिए। सच्चा प्यार किसी को आज़ादी देने और उसकी खुशी में अपनी खुशी ढूंढने में है।
यह कथा पाठकों को यह भी याद दिलाती है कि स्वतंत्रता सबसे मूल्यवान है और इसे कभी छीनना नहीं चाहिए।