बाबा वासुकी नाग, जिन्हें हिंदू धर्म में नागों के राजा के रूप में जाना जाता है, की कहानी भारतीय पौराणिक कथाओं में अत्यंत महत्वपूर्ण है। वासुकी नाग की महिमा और इतिहास का उल्लेख प्रमुख रूप से महाभारत, शिव पुराण और अन्य ग्रंथों में किया गया है।
ऐतिहासिक कहानी
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वासुकी नाग का परिचय: वासुकी नाग नागवंश के राजा हैं और उन्हें शिव भक्त के रूप में जाना जाता है। वासुकी नाग भगवान शिव के गले की शोभा माने जाते हैं। इनकी पूजा विशेष रूप से नाग पंचमी और कालसर्प दोष निवारण के लिए की जाती है।
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सागर मंथन में योगदान: देवताओं और असुरों के बीच हुए सागर मंथन में वासुकी नाग ने रस्सी का काम किया। मंथन के दौरान वासुकी को मंदराचल पर्वत पर लपेटा गया, जिससे अमृत और हलाहल विष प्रकट हुआ। वासुकी के इस त्याग के लिए उन्हें देवताओं द्वारा सम्मानित किया गया।
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कालसर्प दोष और वासुकी नाग: भारतीय ज्योतिष में कालसर्प दोष का संबंध वासुकी नाग से जोड़ा गया है। ऐसा माना जाता है कि जिनकी कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं, उन्हें इस दोष से मुक्ति के लिए वासुकी नाग की पूजा करनी चाहिए। वासुकी नाग दोष निवारण के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
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महाभारत में वासुकी: महाभारत के आदि पर्व में वासुकी का उल्लेख नागों के राजा के रूप में किया गया है। पांडवों के पूर्वज राजा जनमेजय ने सर्प यज्ञ किया था, जिसमें वासुकी और अन्य नागों को जलाने की योजना बनाई गई थी। हालांकि, आस्तिक मुनि ने इस यज्ञ को रोककर नागों की रक्षा की।
वासुकी नाग की महिमा
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भक्ति और समर्पण का प्रतीक: वासुकी नाग भगवान शिव के प्रति अपनी अटूट भक्ति और समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका स्थान काशी और शिवालयों में अत्यंत पूजनीय है।
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रक्षा और आशीर्वाद: वासुकी नाग को रक्षा, धन, और परिवार की सुरक्षा प्रदान करने वाला देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से रोगों, कालसर्प दोष, और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है।
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शिव के प्रिय: भगवान शिव के गले में वासुकी नाग का स्थान दर्शाता है कि शिव उनके प्रति कितने प्रिय हैं। यह भक्ति और ईश्वर के प्रति विश्वास की महिमा को दर्शाता है।
पूजा विधि और मान्यता
- नाग पंचमी के दिन दूध, फूल, और चंदन से वासुकी नाग की पूजा की जाती है।
- कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए उज्जैन, त्र्यंबकेश्वर, और काशी जैसे तीर्थ स्थानों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
- नाग देवता की कृपा से भौतिक और आध्यात्मिक सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
संदेश
वासुकी नाग की कहानी हमें यह सिखाती है कि त्याग, समर्पण, और भक्ति जीवन में परम शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने का मार्ग है। उनकी महिमा का स्मरण हमें धर्म और कर्तव्य के प्रति प्रेरित करता है।