माल्टोडेक्स्ट्रिन (Maltodextrin) एक संश्लेषित कार्बोहाइड्रेट है, जिसे प्रायः मक्का, चावल, आलू या गेहूं के स्टार्च से तैयार किया जाता है। इसे खाद्य पदार्थों में मिठास, बनावट, और स्थिरता प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है। हालांकि, यह डायबिटीज के रोगियों के लिए चीनी, चावल, या मैदे से भी अधिक नुकसानदायक हो सकता है। इसके कारण हैं:
1. ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) अधिक होना
- माल्टोडेक्स्ट्रिन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) चीनी से भी अधिक होता है।
- यह शरीर में बहुत तेजी से पचता है और रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को तुरंत बढ़ा देता है।
- डायबिटीज के रोगियों के लिए यह खतरनाक हो सकता है क्योंकि उनके शरीर में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता कमजोर होती है।
2. इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ाना
- रक्त शर्करा में बार-बार वृद्धि इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) को बढ़ा सकती है।
- यह दीर्घकालिक रूप से डायबिटीज की जटिलताओं को बढ़ावा देता है।
3. छुपी हुई कैलोरी और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का हिस्सा
- माल्टोडेक्स्ट्रिन प्रायः प्रोसेस्ड फूड्स, जैसे स्नैक्स, एनर्जी ड्रिंक्स, और पैकेज्ड उत्पादों में पाया जाता है।
- इन खाद्य पदार्थों में उच्च मात्रा में कैलोरी और कम पोषण मूल्य होता है, जो डायबिटीज के लिए हानिकारक हैं।
4. प्राकृतिक पोषक तत्वों की कमी
- माल्टोडेक्स्ट्रिन में कोई फाइबर, विटामिन या खनिज नहीं होता, जबकि चावल और मैदे में कम से कम कुछ मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
- फाइबर की कमी रक्त शर्करा को स्थिर करने में मुश्किल पैदा करती है।
5. आंत के स्वास्थ्य पर प्रभाव
- कुछ अध्ययन बताते हैं कि माल्टोडेक्स्ट्रिन आंत में हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ावा दे सकता है और सूजन बढ़ा सकता है, जो डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकता है।
सावधानी और विकल्प
डायबिटीज के रोगियों को चाहिए कि वे माल्टोडेक्स्ट्रिन वाले उत्पादों से बचें और उनकी जगह लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले प्राकृतिक विकल्प, जैसे ओट्स, जौ, या फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का चयन करें। प्राकृतिक मिठास, जैसे स्टेविया या एरिथ्रिटॉल, बेहतर विकल्प हो सकते हैं।