प्याज और लहसुन को भारतीय परंपरा और आयुर्वेद में तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है। तामसिक भोजन का अर्थ है वह भोजन जो शरीर और मन में उग्रता, आलस्य, या भारीपन ला सकता है। धार्मिक और योगिक दृष्टिकोण से, तामसिक भोजन का सेवन मानसिक शांति और आध्यात्मिक साधना में बाधा डाल सकता है।
हालांकि, वैज्ञानिक और स्वास्थ्य दृष्टिकोण से प्याज और लहसुन के कई औषधीय गुण हैं, जो इन्हें शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक बनाते हैं:
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एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण:
प्याज और लहसुन में प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। -
हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी:
लहसुन का सेवन हृदय रोगों के खतरे को कम करता है क्योंकि यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखता है। -
पाचन में सुधार:
प्याज और लहसुन पाचन क्रिया को सुचारु बनाते हैं और गैस, अपच जैसी समस्याओं को दूर करते हैं। -
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना:
इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। -
सूजन और दर्द में राहत:
लहसुन में मौजूद सल्फर यौगिक सूजन को कम करने और दर्द में राहत देने में मदद करता है।
अतः, जबकि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से इन्हें तामसिक माना गया है, इनके स्वास्थ्य लाभों के कारण इन्हें संतुलित मात्रा में भोजन का हिस्सा बनाया जा सकता है। आयुर्वेद भी इस बात को मानता है कि शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार खाद्य पदार्थों का चयन करना महत्वपूर्ण है।