पोल्ट्री फार्म के चिकन के सेवन से संभावित नुकसान इस बात पर निर्भर करते हैं कि मुर्गों का पालन-पोषण और देखभाल किस प्रकार की जाती है। यदि पोल्ट्री फार्म में सही तरीके से देखभाल न की जाए या अत्यधिक रसायनों का उपयोग हो, तो निम्न नुकसान हो सकते हैं:
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एंटीबायोटिक्स का प्रभाव:
पोल्ट्री फार्म में मुर्गों को जल्दी बढ़ाने और बीमारियों से बचाने के लिए एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं। इनका अधिक सेवन इंसानों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध (antibiotic resistance) पैदा कर सकता है, जिससे सामान्य बीमारियों का इलाज मुश्किल हो सकता है। -
हार्मोन का असर:
कुछ पोल्ट्री फार्म में मुर्गों को तेजी से बढ़ाने के लिए हार्मोन दिए जाते हैं। ये हार्मोन इंसान के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकते हैं। -
संक्रमण का खतरा:
पोल्ट्री फार्म में स्वच्छता का अभाव होने पर चिकन में बैक्टीरिया जैसे सैल्मोनेला और कैंपिलोबैक्टर पनप सकते हैं, जो खाद्य विषाक्तता (food poisoning) का कारण बनते हैं। -
उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर:
पोल्ट्री चिकन में सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक हो सकती है, जो अधिक सेवन पर कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकता है और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। -
प्रसंस्कृत चिकन का सेवन:
प्रोसेस्ड पोल्ट्री प्रोडक्ट्स (जैसे चिकन नगेट्स, सॉसेज) में नमक, प्रिजर्वेटिव और ट्रांस फैट अधिक होते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। -
अत्यधिक प्रोटीन सेवन के दुष्प्रभाव:
ज्यादा मात्रा में चिकन का सेवन करने से किडनी पर असर पड़ सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी किडनी पहले से कमजोर है।
बचाव के उपाय:
- ऑर्गेनिक और फ्री-रेंज चिकन को प्राथमिकता दें।
- चिकन को सही तापमान पर पकाएं ताकि बैक्टीरिया मर जाएं।
- संतुलित मात्रा में सेवन करें।
- ताजी और स्वच्छ चिकन खरीदने पर जोर दें।
सही जानकारी और स्वच्छता से इन नुकसानों को काफी हद तक रोका जा सकता है।