Home Meaning अपने को वंचित करना
Meaning of अपने को वंचित करना in English To withdraw or repudiate formally and publicly (opinions formerly expressed); to contradict, as a former declaration; to take back openly; to retract; to recall. To revoke a declaration or proposition; to unsay what has been said; to retract; as, convince me that I am wrong, and I will recant. Meaning of अपने को वंचित करना in English English usage of अपने को वंचित करना Synonyms of ‘अपने को वंचित करना’ Antonyms of ‘अपने को वंचित करना’ Articles Related to ‘अपने को वंचित करना’ कड़कती बिजलियां... मौत की दुआ... हर रातों को पूनम कह दूँ 🧑🍳 कुंदरु की चटनी 🫕 गेम ओवर... हारे हुए को और क्या हरा ओगे श्री राम सखा वो सर्द रात- 2 कुछ तो है "अद्वितीय परिप्रेक्ष्य: अपने तरीके से परिवर्तन नेविगेट करना" हकीकत वो सर्द रात... Dil ♥️♥️ ki baat Shri Ram "श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव। "{1} Love shayari.. "भाषाई विविधता का संरक्षण: अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का महत्व" बेटे:- पिता के राजकुमार गुरु शिष्य सरकारी नौकरी छलिया है मन रेलयात्रा धार्मिक अज्ञान शातिर दुनिया समझ त्रिया चरित्र की प्रिया।। क्या आप भी क्लियर करेंगे एग्जाम आशा दोहे- दर्शन
रहस्यमय द्वीप भाग 1 वो सर्द रात- 4 वो सर्द रात- 3 Ek aur kahani कुछ ग़ज़ल सी कृष्ण छवि Be my side O! Father ( Rigveda 1. 1. 9 ) दैनिक न्यूज चमचागिरी इश्क़, बेरोज़गारी और जज़्बात गरम चाय की प्याली रात अमावस की काली कहाँ छिपा है Power of Vote अनादि Nikhar rahe hai लॉकडाउन में पड़ोसन टीचर को चोदा- 1
अनुभव आप सब को नवरात्र शुभकामनाएं कहानी अभ्यास '"' सुझाव किचन से 🫕 एयर इंडिया की एयरबस के साथ डील नवीन धाराओं का सृजन भाग्य से कर्म तक आज भी ऐसा होता हैं! #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
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हमारा दिल भाग-4 "जानती थी वो " बिहार का गौरवशाली इतिहास जीवन की गति प्रयास "ऑस्ट्रेलिया में भारतीय शैक्षिक डिग्री को मान्यता देने की जटिलताओं को नेविगेट करना" अपनी बातों को ही मनवाया करता हूँ भूखे लकड़बग्घे- 2 नव धारायें दीपावली की लोककथा जंजीरें मेरी कहानी मेरी जुबानी पल्लू में बंधे पत्थर मेरे प्रथम शिक्षक जीवन लॉकडाउन में पड़ोसन टीचर को चोदा- 2 हे ईश्वर अवतार लो भारत में केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस सौगंध से अंजाम तक सत्य होता सामने बलिदानी सिपाही कितनी मासूम होती है बेटियां 😭पिताजी की कमी,😭 इंसानियत "आलिंगन परिवर्तन: व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास की कुंजी" भारत में डाक टिकट निशब्द धाराओं में बदलाव "'"🧑🍳 मूंग दाल के चिले की सब्जी ""🫕 Evaluate the Work दूरियों का खूंटा “जानती थी वो” मत कहो शहर Judgement तुम्हारी जुल्फ़ों के साए से भी न जाने क्यों डर सा लग रहा है Biggest democracy ओ चंदा 🌜 शीर्षक :" ये मसला सिर्फ हँसी का है "
तु आसमा क्यु तकता है,
हर एक लफ्ज़ तो इस ज़मी का है ।
तु इतना क्यूँ सोचता है,
ये मसला सिर्फ हँसी का है ।
यू देख कर सितारों को,
क्यु नम करता है,पल्कों के किनारों को,
जरा देख इन खूबसूरत नजारों को,
बाग में और भी फुल हैं,
क्यु उलझा है, ये दुनिया का उसूल है,
खुद ब खुद भर जायेगा, तु फिकर ना कर,
भूल जा दिल के दरारों को ,
ये असर इश्क़ मे मयकशी का है..
तु आसमा क्यु तकता है,
हर एक लफ्ज़ तो इस जमी का है,
तु इतना क्यु सोचता है.... ।।
जो चले गए वो नही हैं , जिंदगी निवाहने वाले,
कोई और होगी रहगुजर, दुनिया बहुत बड़ी है,
बहोत मिलेंगे चाहने वाले,
तु खुद से ना खुद को इतना सता,
तेरी आँखों में कोई खोट नही
ये बात अपने दिल को तो बता,
अब यहाँ ऐसे ही होता है, कहाँ
अब कोई किसी के लिए रोता है,
खुद को मजबूत कर, उसको हटा,
रात गुजार, सुबह होते ही बाग मे
एक फुल खिल जायेगा,
यकीन कर, खुद पर, खुदा पर,
उससे बेहतर कोई मिल जायेगा,
तु बस उसी का नाम क्यु जपता है..
यूँ खामोशी मे आसमा क्यु तकता है,
सारा मसला तेरी मायूशी का है,
तु इतना क्यु सोचता है,
ये मसला सिर्फ हँसी का है ।।
तु जी कर तो देख पहले की तरह,
नजारों मे कोई कमी नही होगी,
मै लिख कर देता हूँ तुझको,
फिर कभी नजरों मे नमी नही होगी,
वहम है, सारे गम, हमी को है...
तु इतना क्यु सोचता है,
हर लफ्ज़ तो इस ज़मी का है ,
हुआ कुछ नही, ख़ाब भूल कर तो देख,
ये मसला सिर्फ तेरी हँसी का है.. ।।
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IG : @meri_lekhani_
Author Munna Prajapati
#post #poetry #poetrychallenge #poetrylovers #poem Student Motivated peom.. संभलता रहा फिसलता रहा हमे अपने खयालो मे कौन लायेगा जनाब... 🌹😰😢🥀🥀
#post #love #virals #new #sad #brockenheart आज कल न इस जगत में सब कुछ उल्टा हो रहा है /-
कोई नीति जब बनती है तो लगता है की यह सही है, हितकर है परंतु कुछ समय बाद पता चलता है की उस पर लागू नहीं होती जिसने उसे बनाया है । तो फिर.... 🥺
नदियों को माता कहा जाता है और देखें तो औसत रूप से नदियों को गंदा और दूषित करने मे हमारा ही हाथ है । तो फिर... 🥺
ये धरती हमारी माँ है । हम इसकी पूजा भी करते हैं और इस धरती पर सबसे ज्यादा दुष्कर्म ,हम ही कर रहें हैं । तो फिर...... 🥺
हमेशा प्रकृति के प्रतिकूल काम कर रहें हैं । और फिर कह रहें हैं की प्रकृति बदल रही है । नहीं....
उसे बदलने पर हम मजबूर कर रहें हैं । तो फिर..... 🥺
कोई चोर यु ही नही बनता है खुद से, गुनहगार खुशी से कोई गुनाह नही करता । उसके सामने हम ऐसे हालात खड़ा कर देते हैं की वह चोरी करता है या कोई गुनाह कर बैठता है । तो फिर.... 🥺
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तुम तो नफ़रत दिलों में पाल रहे हो । तो फिर.... 🥺
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✍️ Author Munna Prajapati #PostViral #post #realtalk #reallife #thoughts #writer #india #culture सृष्टि भी स्त्री है Browse Other Words By Clicking On Letters