shabd-logo

हर रातों को पूनम कह दूँ

5 June 2024

7 Viewed 7
हर रातों को पूनम कह दूँ
🖊️
हर रातों को पूनम कह दूँ
तो, सच का प्रतिहार कहाऊँ;
क्या जब सच उद्भावित होगा
रातें बुरा नहीं मानेंगी?

हर सच की अपनी परिभाषा
गल्पों से तात्क्षणिक दुराव;
लोग उलझकर भ्रम जालों में
स्वजन से करते हैं दुर्भाव।

अपनी श्रद्धा स्वयं सत्य की
किंतु, झूठ की प्रथा अनोखी;
परंपरा के चालक करते
उपनियमों की देखादेखी।

हर बातों को सत्य मानकर
मैं सच का प्रतिहार कहाऊँ;
क्या जब सच उद्भावित होगा
बातें बुरा नहीं मानेंगी?
...“निश्छल”
©अमित_निश्छल 
1
Articles
हिंदी कविताएँ
0.0
स्वच्छंद हिंदी कविताएँ।