- हे राम तुम्हारे स्वागत में हम मन के दीप जलाते हैं। कब आओ इसी प्रतीक्षा में हम अपने नैन बिछाते हैं। अर्पण कर दे तुमको तन मन भटके है तुम्हें न पाते हैं। हे राम तुम्हारे स्वागत में हम अपने नैन बिछाते हैं। स्मरण तेरा ही रहे हमें वाणी से गीत सुनाते हैं। ये रोम रोम मेरा राम जपे तेरा नाम लेके तर जाते हैं। हे राम तुम्हारे स्वागत में हम अपने नैन बिछाते हैं