- यमुना किनारे मेरा गांव, कन्हैया वही आ जाना। यमुना किनारे एक तुलसी का बिरछा,। दीपक जलाऊ सुबह शाम , कन्हैया वही आ जाना। यमुना किनारे मेरा गांव कन्हैया वही आ जाना। यमुना किनारे एक मंदिर बना है। पूजा करूं मैं सुबह शाम, कन्हैया वही आ जाना। यमुना किनारे मेरा गांव कन्हैया वही आ जाना। यमुना किनारे एक पंडित है बैठे। पोथी सुनु मैं सुबह शाम कन्हैया वही आ जाना। यमुना किनारे मेरा गांव कन्हैया वही आ जाना। यमुना किनारे एक सीता खड़ी है। आरती उतारूं सुबह शाम कन्हैया वही आ जाना। यमुना किनारे एक कन्या है रहती। पांव पखारू सुबह शाम कन्हैया वही आ जाना