शिव सुत नंदन, तुमको वंदन करते हैं। तेरी कृपा हो,तो ही पार उतरते हैं। प्रथम स्मरण तेरा प्रभु जी करते हैं। तेरी कृपा हो तो ही पार उतरते है। पर्वत पर्वत तुमको ढूंढूं ओ देवा। विधनहर्ता है वो जो संकट हरते है। शिव सुत नंदन तुमको वंदन करते हैं। तेरी कृपा हो तो ही पार उतरते हैं । एकदंत तुम , व्रकतुणड तुम कहलाये । मंगलमूर्ति पार्वती के हो जाये। मूषकवाहन ,देवोदेव, हे अविनाशी । नाम तेरा जपते हैं हम वसुधा वासी। शिव सुत नंदन तुमको वंदन करते हैं। तेरी कृपा हो तो ही पार उतरते हैं।