कितनी मासूम कितनी प्यारी होती है बेटियां
पुरे घर को रोशन करती है बेटियां
लाखों दर्द सहकर भी
सबके होठों पर मुस्कान लाती है बेटियां
बेटी दुर्गा काली का अवतार है
बेटी से ही घर गुलजार है
बेटी है तो संसार है
बेटी ही डूबती नैया की खेवनहार
बेटी के रुप हजार है
कभी मां बन ममता लुटाती है
तो कभी बहन बन रक्षा बांधती
बेटी ही जग की पालनहार है
सबके खुशियों का ख्याल रखती है बेटियां
कितनी मासूम कितनी प्यारी होती है बेटियां