shabd-logo

इक परी

16 June 2023

24 Viewed 24
इक परी बादलों से उतरकर
 चांद से गुजरकर
 धरती पर आई
बहुत खुश थी प्रसन्न थी
मंद मंद मुस्कुराईं

उसे लगा आसमां से भी प्यारा जहां है
बोली बाबा से कुछ दिन रहना यहां है


बाबा ने बहुत समझाया
 पर वो पगली जिद पर अड़ी थी
ना जाने क्यों वो ्
आसमां को छोड़ धरती पर खड़ी थी

आखिर बाबा मान गये
छोड़ परी को खुद आसमान गये

कुछ दिन बिता सब कुछ बदला नजर आया
जो सोची थी परी वो सपना नज़र आया

अब हर रोज उसे ताने मिलते थे
नये-नये बहाने मिलते थे

जिंदगी अब उसे हर रोज रूला रही थी
सोचकर हैरान थी परी गुजरे लम्हों को
जब उसकी अम्बे मां लोरी गा 
थपकियां दे सुला रही थी
क्या करती परी पछता रही थी,
आ जाओ ना बाबा बुला रही थी

पर बाबा अब इतनी दूर चले गए थे 
जहां से आना कठिन था


परी जान चुकी है 
पुरी तरह पहचान चुकी हैं
अब उससे यही रहना है 
यह मान चुकी है