shabd-logo

गरम चाय की प्याली 

3 November 2022

29 Viewed 29
सौगात सौ बातों की
 उन चन्द मुलाकातों की 
मुझ को तो याद है
 तुम भूल गई क्या
 वो दो गरम चाय की प्याली 
कुल्हड़ वाली
वो शाम जो थी थोड़ी बारिश वाली 
वो बातें सपनो को सच करने वाली 
तुम कहती थी साथ चलेंगे 
जीवन की धारा में 
तुम मेरे क्षितिज ओर मैं तुम्हारी क्षिति 
क्या तुम भूल गई हो
हमारे सपने 
सुशील मिश्रा ( क्षितिज राज)

12
Articles
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)'s Diary
0.0
इस पुस्तक में आप को मेरे लिखी कविताएं पढ़ने को मिलेंगी मेरे मन मस्तिष्क में आये विचारों को कविता के रूप में लिख कर पाठकों से साझा कर रहा हूं इस पुस्तक में आप को प्यार ,सपने ,देश भक्ति, आध्यात्म पर कविताएं पढ़ने को मिलेंगी और कही कही किसी कविता में आप अपने साथ हुए किसी घटना ओर अनुभव को भी पाएंगे ये मेरे मौलिक विचार है पर मेरी लेखनी में सामान्य जीवन , सामान्य व्यक्ति के जीवन में घटित होने वाली घटनाओं को दृष्यांकन होगा अतः आप कविताओं का आनंद ले आप का सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
1

अनादि

3 November 2022
0
1
0

क्षण क्षण क्षरण हो रहे क्षण मेंक्षणिक क्षण भर क्षितिज को देखोअनगिनत अनादि अनंत कल्पना खोलोकल्प कल्पित कल्पना के कलरव को जानोजाने से पहले स्वयं को पहचानोईश पर रख विश्वास की आश अन्दर की यात्रा तो क

2

कविता

3 November 2022
0
1
0

कविता कोई क्षितिज पर भी लिखा करो क्षितिज तुम्हारी कविता कहां है भंवरों का गुंजन है पर मधुवन का वो फूल किधर है जिसे कहते हैं जीवन का राग वो सुधा कहा हैक्षितिज तुम्हारी कविता कह

3

गरम चाय की प्याली 

3 November 2022
0
1
0

सौगात सौ बातों की उन चन्द मुलाकातों की मुझ को तो याद है तुम भूल गई क्या वो दो गरम चाय की प्याली कुल्हड़ वालीवो शाम जो थी थोड़ी बारिश वाली वो बातें सपनो को सच करने वाली&nb

4

ओ मोहन मुरली वाले ओ राधा के श्याम

3 November 2022
0
1
0

जग झूटा साचा जिसका नाम बनते हे मेरे सारे काम जब लूं तेरा नाम ओ मोहन मुरली वाले ओ राधा के श्याम ओ मोहन मुरली वाले ओ राधा के श्याम सुबह भजूं शाम भजूं भजूं तेरा नाम धर शीश चरणों में चलता मेरा का

5

छलिया है मन

3 November 2022
0
1
0

छलिया है मन छलता रहता है जीवन आगे चलता रहता है नदिया की तरह बहता रहता है पंछी की तरह उड़ता रहता है जीवन आगे चलता रहता है स्वपन कोई तो देख प्यारे खुद को कर तैयार प्यारे बांध ना यूं खूद को प

6

क्षितिज क्षितिज ही रहेगा

3 November 2022
0
1
0

क्षितिज क्षितिज ही रहेगाअधूरा हो कर भी पूरा रहेगाउसमे जन्म लेती रहेगीकई कहानीयावो कहानीयो में रंग भरता रहेगागीत होगा पंक्षीयो काहवाओ का सुर रहेगाक्षितिज क्षितिज ही रहेगाअधूरा हो कर भी पूरा रहेगाजब भी

7

छोर

3 November 2022
0
1
0

एक छोर पर तुम खडे , एक छोर पर हम खडे, समय का पहिया बस चले कुछ बाते कुछ सौगाते कुछ यादे कुछ गाते पल बडे एक छोर पर तुम खडे , एक छोर पर हम खडे,सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)

8

जिन्दगी तुझ को गले लगाना चाहता हूँ

3 November 2022
0
0
0

जिन्दगी तुझ को गले लगाना चाहता हूँ तुझे मैं सब कुछ बतलाना चाहता हूँ कितने पलो को जिया जी भर के मैं तुझे सब कहना चाहता हूँ तूने जो फर्श से अर्श तक लाई है मैं वो सफर गुनगुनाना चाहता हूँ कभी मौसम त

9

रत जगे

3 November 2022
0
1
0

रत जगे हो गये सोए ना रात भर इश्क मुक्कमल हुआ तुम मिले इस कदर चान्द तारो की बाते करते रहे देखकर हम तुम्हे यु ही रात भर हे कहा अब हमे खबर इस जन्हा की पूरा जन्हा सिमट सा गया निगाह में आपकी तुमन

10

मुझ को कोई ये बताए क्या यही प्यार होता है

3 November 2022
0
0
0

हर बात में अब तुम्हारी बात शामिल हर जिक्र में अब तुम्हारा जिक्र होता है मुझ को कोई ये बताए क्या यही प्यार होता है ? हर लम्हा अब मेरा हो मानो उसी के खातिर मुझ को बस जीना उसी के खातिर उस की एक

11

जल

20 December 2022
0
0
0

जल जीवन जीवन की धारा है इस धारा को घर घर पहुंचाना है लक्ष्य हम ने बस यही ठाना है हर घर जल पहुंचाना है गांव गांव ओर शहर शहर हर डगर नगर ओर बस्ती में पहुंचाने का संकल्प लिया

12

खुद से मिल

11 October 2023
0
1
0

हमारे बाद भी चलती रहेगी बहारेंशोर करेगी हवाऐंपंछी भी क्षितिज की ओर उड़ानें भरेंगेनदियां सागर से मिलेगीमिलन के गीत गाए जाएगेओर हमको एक दिन भुला दिया जाएगातोदिल खोल के खुद से मिलबहारों से धुन चुराहवाओं

---