जिन्दगी तुझ को गले लगाना चाहता हूँ
तुझे मैं सब कुछ बतलाना चाहता हूँ
कितने पलो को जिया जी भर के
मैं तुझे सब कहना चाहता हूँ
तूने जो फर्श से अर्श तक लाई है
मैं वो सफर गुनगुनाना चाहता हूँ
कभी मौसम तूने किये बेरूखे
कभी बारिश में भिगोया मुझे
कभी हल्की हवाओ के हवाले
कर दिया मुझे
कभी दिखाये ख्वाब मुझे
कभी दी ऊंची उड़ान मुझे
मैं वो सब कुछ बतलाना चाहता हूँ
जिन्दगी तुझ को गले लगाना चाहता हूँ
जिन्दगी तुझ को गले लगाना चाहता हूँ
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)