रत जगे हो गये सोए ना रात भर
इश्क मुक्कमल हुआ तुम मिले इस कदर
चान्द तारो की बाते करते रहे
देखकर हम तुम्हे यु ही रात भर
हे कहा अब हमे खबर इस जन्हा की
पूरा जन्हा सिमट सा गया निगाह में आपकी
तुमने लहराया आंचल हवा चल पड़ी
तुमने खोले जो लव कोयल गाने लगी
तुमने छनकाई पायल नदी बहने लगी
रत जगे हो गये सोए ना रात भर
इश्क मुक्कमल हुआ तुम मिले इस कदर
सुशील मिश्रा( क्षितिज राज)