छलिया है मन छलता रहता है
जीवन आगे चलता रहता है
नदिया की तरह बहता रहता है
पंछी की तरह उड़ता रहता है
जीवन आगे चलता रहता है
स्वपन कोई तो देख प्यारे
खुद को कर तैयार प्यारे
बांध ना यूं खूद को प्यारे
स्वतंत्र कर खूद को प्यारे
पथ सरल हो या जटिल
तेरे हो निर्णय अटल
जो वीर होते है वो
चुनौतियों का करते वरन
सपनो की एक उड़ान भर
सब समर्पित भाव कर
स्वयं की पहचान कर
लक्ष्य का अब ध्यान कर
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज )
9617705101