जहाँ तक भारत का संबंध है, भारत में डाक टिकटों की शुरुआत 1852 में हुई। 1 जुलाई, 1852 को सिन्ध के मुख्य आयुक्त सर बर्टलेफ्र्रोरे द्वारा सिर्फ़ सिंध राज्य में और मुंबई-कराची मार्ग पर प्रयोग के लिए 'सिंध डाक' नामक डाक टिकट जारी किया गया।
आज़ाद भारत में जारी प्रथम डाक टिकट
आधे आने मूल्य के इस टिकट को भूरे काग़ज़ पर लाख की लाल सील चिपका कर जारी किया गया था। यह टिकट बहुत सफल नहीं रहा, क्योंकि लाख टूटकर झड़ जाने के कारण इसको संभालकर रखना संभव नहीं था। फिर भी ऐसा अनुमान किया जाता है कि इस टिकट की लगभग 100 प्रतियाँ विभिन्न संग्रह कर्ताओं के पास सुरक्षित हैं। डाक-टिकटों के इतिहास में इस टिकट को 'सिंध डाक' के नाम से जाना जाता है। बाद में सफ़ेद और नीले रंग के इसी प्रकार के दो टिकट वोव काग़ज़ पर जारी किए गए, लेकिन इनका प्रयोग बहुत कम दिनों तक रहा, क्योंकि 30 सितंबर, 1854 को सिंध प्रांत पर ईस्ट इंडिया कंपनी का अधिकार होने के बाद इन्हें बंद कर दिया गया। ये एशिया के पहले डाक-टिकट तो थे ही, विश्व के पहले गोलाकार टिकट भी थे। संग्रहकर्ता इस प्रकार के टिकटों को महत्त्वपूर्ण समझते हैं और आधे आने मूल्य के इन टिकटों को आज सबसे बहुमूल्य टिकटों में गिनते हैं।[2] बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत के सबसे पहले डाक टिकट आधा आना, एक आना, दो आना और चार आना के चार मूल्यों में 1 अक्टूबर, 1854 में जारी किये गए, जिस पर महारानी विक्टोरिया के चित्र छपे थे। यह डाक टिकटों को लिथोग्राफी पद्धति द्वारा मुद्रित किया गया था।
भारत में सन 1854 से 1931 तक डाक टिकटों पर रानी विक्टोरिया, राजा एडवर्ड सप्तम, जॉर्ज पंचम, जार्ज छठे के चित्र वाले डाक टिकट ही निकलते रहे। अपने प्रेम के लिए सिंहासन त्यागने वाले राजा एडवर्ड अष्टम (सन 1936) पर यहाँ कोई डाक टिकट नहीं निकला था। 1926 में 'इण्डिया सिक्यूरिटी प्रेस', नासिक में डाक टिकटों की छपाई आरम्भ होने पर 1931 में प्रथम चित्रात्मक डाक टिकट नई दिल्ली के उद्घाटन पर जारी किया गया। 1935 में ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम की रजत जयन्ती के अवसर पर प्रथम स्मारक डाक टिकट जारी किया गया। स्वतन्त्रता पश्चात् 21 नवम्बर, 1947 को प्रथम भारतीय डाक टिकट साढे़ तीन आने का ‘जयहिन्द’ जारी किया गया। 21 फ़रवरी, 1911 को विश्व की प्रथम एयरमेल सेवा भारत द्वारा इलाहाबाद से नैनी के बीच आरम्भ की गयी। राष्ट्रमण्डल देशों में भारत पहला देश है, जिसने सन 1929 में हवाई डाक टिकट का विशेष सेट जारी किया।