माता रानी की कहानी
कमलेश नाम की एक लङकी थी बहुत धरमातमा थी हर कोई मांगने वाले को भिक्ष देती शादीशुदा थी लेकिन सास पुरी जल्लाद थी एक मिनट भी चैन से नही रहने देती पुरे घर का काम करवाती ओर पति को सिखा देती कमलेश सुन्दर थी लेकिन रंग की सावली थी इसलिए सास ओर पति ने तीन ने कमलेश ने ने ने ने को पसन्द नही थी कमलेश व्रत तो करतीलेकिन नवरात्र कभी नही किए थे ऐसे ही एक दिन सास ओर बहु का फिर झगङा होगया तो पति ने ले
ने उसे अपने मार दिये ओर मायके छोङ गया कमलेश बहुत रोज क्योकि वह अपने पति से बहुत प्रेम करती थी कुछ दिनो मे पति ने तलाक के कागज भेज दिए कमलेश जो एक पल भी पति से दूर नही रहने चाहती थी अब क्या करे ऐसे ही बैठी वह कूऐ पर रो रही तब उसकी सहेली गीता आइ ओर उसने कहा रो मत माता रानी के व्रत कर माता रानी सब ठीक करेगी अब नवरात्र आने वाले है तू हर रोज माता रानी की पुजाकर
पुजाकर कमलेश ने सच्चे मन से माता की पुछा शुरू की अभी दो दिन ही बीते थे कि पति कि फोन आ गया ओर अपनी गलती की माफीमागने लगा उसने बताया किऊसकेपिछे से सब उसकी माने भेजा है इसलिए उसने अलग मकान लिया है अब वो मा के पास नहीं जाएगा नवरा के आखरी दिनकमलेश माता का विसर्जन करने नंबर पर चली गई आइ तो देखा घर मे इसके पति कीकार ी खी है मा ने कहा बेटी तैयार हो जा दामाद बाबु लेने आए हैं है यह सुनते ही कमलेश् की तो बांछे खिल ग ई वह फोर्ट तैयार होकर गांघी मै बैठ ग ई गाङी सङक पर चल रही थी ओर कमलेश् के दिल मे आज उसकी ऊजङी दूनियाँ दूनियाँ फिर बस ग ई थी सब माता रानी की करन थी वही तोबसाने वाली है ओर व
दामाद