shabd-logo

तुम्हारी जुल्फ़ों के साए से भी न जाने क्यों डर सा लग रहा है

24 June 2022

34 Viewed 34
तुम्हारी जुल्फों के साए से भी, न जाने क्यूँ डरसा लग रहा है!
कोई तो  है आस  पास अपने, या सिर्फ मुझको गुमाँ हुआ है!

किसी की आँखों में अश्क हैं तो,किसी के चहरे पे मुस्कुराहट,
अजीब  रस्में  मुहब्बतों की, अजब ही  इस खेल  का मज़ा है!

अगर चलें साथ मिलके इसपर,मिलेगी मंजिल ज़रूर हम को,
बड़ा ही  आसान  राहे  हक़ का  ये सीधा  सच्चा  सा रास्ता है!

किसी की  उल्फत का मान रखना  हथेलियों  पे है जान जैसे,
ये ख़ौफो दहशत का नाच देखो  ज़मीं पे बढ़ता ही जा रहा है!

नहीं जरूरत  मुझे  दवा  की मगर है  हाजत  बहुत  दुआ की,
तबीब  मुझसे ये कह रहा है, मरज़ तो  क़ातिल  ये बढ़ रहा है!

मिरी मुहब्बत  से एक  तुम ही, बताओ अंजान  किस लिए हो, 
लकी के दिल में फक़त तुम्ही हो,ये बात दुनिया कोभी पता है!

सग़ीर लकी

More Books by Sagheer

1

जाने और अनजाने में बस तेरा नाम पुकारा करते हैं

12 May 2022
1
0
0

जाने और अनजाने में बस तिरा नाम पुकारा करते हैं!अक्सर ही दीवारों पर तिरी तस्वीर उतारा करते हैं!आतिश ए इश्क़ने बख़्शे

2

मुझे याद है सभी किस्से वो इश्क़ का ज़माना

12 May 2022
4
0
1

मुझे याद हैं सभी किस्से वो इश्क़ का ज़माना!कभी रूठना वो उनका कभी उनका वो मनाना!मुझे तल्ख़ लहजा बचपन से नहीं पसंद सुन

3

अपनी बातों को ही मनवाया करता हूँ

12 May 2022
5
1
2

अपनी बातों को ही मनवाया करता हूँ! आईने से भी लड़जाया करता हूँ!हुस्न और इश्क़ से ही दुनिया क़ायम है, भँवरा बन&nbs

4

तुम्हारी जुल्फ़ों के साए से भी न जाने क्यों डर सा लग रहा है

24 June 2022
1
1
0

तुम्हारी जुल्फों के साए से भी, न जाने क्यूँ डरसा लग रहा है!कोई तो है आस पास अपने, या सिर्फ मुझको गुमाँ हुआ है!किसी की आँखों में अश्क हैं तो,किसी के चहरे पे मुस्कुराहट,अजीब रस्में&nbs

5

नज़रें मिला के उसने तो यार कमाल कर दिया

24 June 2022
0
0
0

नज़रें मिला के उसने तो यार कमाल कर दिया!एक हसीना ने मिरा जीना मुहाल कर दिया!फैली तो है ये बात भी श

6

मेरा हाल वो मेरी तबीयत क्या जाने

24 June 2022
0
0
0

मेरा हाल वो मेरी तबीयत क्या जाने!कब सँभलेगी अपनी हालत क्या जाने!वो जो पाई पाई का रखता

7

मेरा दिल ही मेरे पेहम नहीं है

24 June 2022
0
0
0

मेरा दिल ही मेरे पैहम नहीं है!मैं कैसै कह दूँ कोई ग़म नहीं है!बड़ी नरमी से तुम हो पेश आते,तुम्हारी ज़ुल्

8

तू मेरी जान है लख़्ते जिगर है

24 June 2022
0
0
0

तू मेरी जान है लख़्ते जिगर है!तभी तो हर घड़ी ज़ेरे नज़र है!हक़ीक़त पूछते हो तो सुनो फिर,तुम्हीं से ज़िन्दगी ये मोतबर है! ये बढ़ता

9

तुम्हारी आँख में ठहरा हुआ हूँ

12 July 2022
4
1
2

तुम्हारी आँख में ठहरा हुआ हूँ!कभी आँसू कभी सपना हुआ हूँ!मैं किसके हाथ की ज़ीनत बनूँगा,हिनाई शाख़ से टूटा

10

मुहब्बत की सिफ़ारिश हो रही है

12 July 2022
2
0
0

मुहब्बत की सिफारिश हो रही है! किसी के दिल में सोज़िश हो रही है!सुना है नाम है कुछ और उसका,मगर वो दिल की नाज़िश हो रही है!मुहब्बत की हैं

11

افسانہ 🍁 زخمی گلاب🍁

25 July 2022
0
0
0

🍁 افسانہ 🍁 🌹 زخمی گلاب 🌹تحریر : 🍂 زویا شیخ 🍂نادیہ نادیہ وہ آواز دیتا ہوا گھر میں داخل ہوا.نادیہ یہ کیا ہر وقت تم اندھیرے کمرے میں بند رہتی ہو؟ عجیب حالت بنا رکھی ہے اپنی اور گھر کی؟ وہ شدید غصے

---