shabd-logo

अपनी बातों को ही मनवाया करता हूँ

12 May 2022

59 Viewed 59
अपनी  बातों को ही  मनवाया करता हूँ!  
आईने   से  भी   लड़जाया   करता  हूँ!

हुस्न और इश्क़  से ही दुनिया क़ायम है,  
भँवरा बन  फूलों को  रिझाया करता हूँ!

तुझको   सोचा   करता   हूँ  तन्हाई   में,  
तस्वीर  फिज़ाओं  में  बनाया  करता हूँ!

फर्क  नहीं  रखता  मैं  अपने  पराए  में,  
दुश्मन को  भी दोस्त  बनाया  करता हूँ!

दिल का ज़ख़्म  हरा रखना है बातों का,  
रोज़ नमक  मैं उन पे  लगाया करता हूँ!

दिल का  ही मत समझो  सौदागर यारों,  
आँखों से  काजल भी  चुराया करता हूँ!

तन्हाई से  करना  मुहब्बत  खेल है क्या,  
अपना  ग़म मैं  आप  उठाया  करता हूँ!

दिल तो  दुखाता  है  वो मेरा अक़्सर ही,  
फिर उल्टे  मैं उसको  मनाया  करता हूँ!

माँ से पहले सा  लिपटता हूँ आज भी मैं,  
बच्चे  जैसा  फिर  बन  जाया  करता हूँ!

आवारा   फिरता   हूँ   कोई   काम  नहीं,  
बैठा  ग़म  की  आग  बुझाया  करता  हूँ!

मुझ को  कल ये  काटेंगे  है तय फिर भी,  
साँप के बच्चों को दूध पिलाया करता हूँ!

तुम अपनी  हरकत  से बाज़ आओ वर्ना,  
मैं  दिन  में  भी  तारे  दिखाया  करता हूंँ!

राज़  तो आख़िर  राज़  लकी जी होता है,  
मोती की तर्ह‌‌  आँखों में छुपाया करता हूँ!

सग़ीर 'लकी'




More Books by Sagheer

Surya Putra Anand

Surya Putra Anand

बहुत खूब ब्रोह

21 May 2022

Sagheer

Sagheer

24 June 2022

जी बहुत शुक्रिया

1

जाने और अनजाने में बस तेरा नाम पुकारा करते हैं

12 May 2022
1
0
0

जाने और अनजाने में बस तिरा नाम पुकारा करते हैं!अक्सर ही दीवारों पर तिरी तस्वीर उतारा करते हैं!आतिश ए इश्क़ने बख़्शे

2

मुझे याद है सभी किस्से वो इश्क़ का ज़माना

12 May 2022
4
0
1

मुझे याद हैं सभी किस्से वो इश्क़ का ज़माना!कभी रूठना वो उनका कभी उनका वो मनाना!मुझे तल्ख़ लहजा बचपन से नहीं पसंद सुन

3

अपनी बातों को ही मनवाया करता हूँ

12 May 2022
5
1
2

अपनी बातों को ही मनवाया करता हूँ! आईने से भी लड़जाया करता हूँ!हुस्न और इश्क़ से ही दुनिया क़ायम है, भँवरा बन&nbs

4

तुम्हारी जुल्फ़ों के साए से भी न जाने क्यों डर सा लग रहा है

24 June 2022
1
1
0

तुम्हारी जुल्फों के साए से भी, न जाने क्यूँ डरसा लग रहा है!कोई तो है आस पास अपने, या सिर्फ मुझको गुमाँ हुआ है!किसी की आँखों में अश्क हैं तो,किसी के चहरे पे मुस्कुराहट,अजीब रस्में&nbs

5

नज़रें मिला के उसने तो यार कमाल कर दिया

24 June 2022
0
0
0

नज़रें मिला के उसने तो यार कमाल कर दिया!एक हसीना ने मिरा जीना मुहाल कर दिया!फैली तो है ये बात भी श

6

मेरा हाल वो मेरी तबीयत क्या जाने

24 June 2022
0
0
0

मेरा हाल वो मेरी तबीयत क्या जाने!कब सँभलेगी अपनी हालत क्या जाने!वो जो पाई पाई का रखता

7

मेरा दिल ही मेरे पेहम नहीं है

24 June 2022
0
0
0

मेरा दिल ही मेरे पैहम नहीं है!मैं कैसै कह दूँ कोई ग़म नहीं है!बड़ी नरमी से तुम हो पेश आते,तुम्हारी ज़ुल्

8

तू मेरी जान है लख़्ते जिगर है

24 June 2022
0
0
0

तू मेरी जान है लख़्ते जिगर है!तभी तो हर घड़ी ज़ेरे नज़र है!हक़ीक़त पूछते हो तो सुनो फिर,तुम्हीं से ज़िन्दगी ये मोतबर है! ये बढ़ता

9

तुम्हारी आँख में ठहरा हुआ हूँ

12 July 2022
4
1
2

तुम्हारी आँख में ठहरा हुआ हूँ!कभी आँसू कभी सपना हुआ हूँ!मैं किसके हाथ की ज़ीनत बनूँगा,हिनाई शाख़ से टूटा

10

मुहब्बत की सिफ़ारिश हो रही है

12 July 2022
2
0
0

मुहब्बत की सिफारिश हो रही है! किसी के दिल में सोज़िश हो रही है!सुना है नाम है कुछ और उसका,मगर वो दिल की नाज़िश हो रही है!मुहब्बत की हैं

11

افسانہ 🍁 زخمی گلاب🍁

25 July 2022
0
0
0

🍁 افسانہ 🍁 🌹 زخمی گلاب 🌹تحریر : 🍂 زویا شیخ 🍂نادیہ نادیہ وہ آواز دیتا ہوا گھر میں داخل ہوا.نادیہ یہ کیا ہر وقت تم اندھیرے کمرے میں بند رہتی ہو؟ عجیب حالت بنا رکھی ہے اپنی اور گھر کی؟ وہ شدید غصے

---