सतीश "बब्बा"
मैसेंजर चैट और फेसबुक प्रोफ़ाइल में वह श्याम की सजातीय थी। श्याम को तो इन सब में एक अच्छी बहू की तलाश थी। लेकिन पता नहीं वह समझ सकी थी या नहीं, चैट में प्यार भरी बातें होने लगी।
ज्यादा समय नहीं लगा, एक, दो हफ्ते में सेक्सी बातें शुरू हो गई। और एक दूसरे के गुप्तांगों से भी परिचय हो गया।
कुछ दिनों में पैसों की मांग हुई। मिलने के वादे हुए और कम पैसा भेजने से लड़ाई हुई।
आखिर दूर से क्या होता, और श्याम पास भी होता तो क्या होता, क्या करता? श्याम तो जवानी की देहलीज पार कर चुका था।
आखिर श्याम सँभलते - सँभलते कुछ नगदी गवाँ चुका था।
सतीश "बब्बा"