सतीश "बब्बा"
एक दिन एक लड़की का करुण चैट कि, "मेरी माँ मर गई और माँ के मरने में घर का अनाज भी कृतकांड में खत्म हो गया है। घर में खाने को कुछ भी नहीं है!"
रामू को दया आ गयी। और रामू उसके घर पहुँच गया। बात सत्य थी। रामू ने दो हजार का अनाज चावल आदि खरीद दिया।
अब लड़की से रोज चैटबाजी शुरू हो गई। फिर सेक्सी बातें शुरू हो गई। यहाँ तक इसमें लड़की का भाई भी सामिल था। क्या कलयुगी खेल भाई बहन भी एक दूसरे से गंदी बातें भी कर लेते थे।
रामू समझ लिया कि, वह बुरा फंस गया है। अपने को मुर्गा बनने से पहले, ब्लाक करते - करते उनसे बड़ी मुश्किलों से जी छुड़ा पाया था।
अब वह जान गया था कि, किसी की मदद करना भी कितना खतरनाक हो सकता है।
सतीश "बब्बा"