Meaning of धीरे से छूना in English
- To feed or supply (cattle, sheep, etc.) with grass; to furnish pasture for.
- To feed on; to eat (growing herbage); to eat grass from (a pasture); to browse.
- To tend (cattle, etc.) while grazing.
- To rub or touch lightly the surface of (a thing) in passing; as, the bullet grazed the wall.
- To eat grass; to feed on growing herbage; as, cattle graze on the meadows.
- To yield grass for grazing.
- To touch something lightly in passing.
- The act of grazing; the cropping of grass.
- A light touch; a slight scratch.
Meaning of धीरे से छूना in English
English usage of धीरे से छूना
Synonyms of ‘धीरे से छूना’
Antonyms of ‘धीरे से छूना’
Articles Related to ‘धीरे से छूना’
- मौत की दुआ...
- विशेष दिवस
- गेम ओवर...
- 🧑🍳 कुंदरु की चटनी 🫕
- काली पहाड़ी की चुड़ैल...
- हर रातों को पूनम कह दूँ
- कहां गई मां मुझे छोड़ कर?
- वो सर्द रात- 2
- बलिदानी सिपाही
- शांत और ठण्डी राख़ - दिनकर से प्रेरित रचना
- || गज़ल ||
- आप सब को नवरात्र शुभकामनाएं
- #डिजिटलीकरण---
- वो सर्द रात- 3
- बोगेनविलिया
- सौगंध से अंजाम तक
- कितनी मासूम होती है बेटियां
- हिम्मत
- हमारा दिल
- अनुभव
- आशिकी
- Futuristic
- Hindi diwas
- वो सर्द रात- 5
- ancestors' house
- जंजीरें
- अभी अभी
- किस्मत
- ये इश्क़ नहीं आसान
- धार्मिक अज्ञान
- #कर्म और भाग्य --
- Shri Ram
- आम राजा
- वो सर्द रात- 4
- महाशिवरात्रि
- कुछ ग़ज़ल सी
- काश हम बच्चे ही रहते कवि: निशांत कुमार
- जता दीजिये
- महामारी
- Mother and father and daughter realtionship video
- किसी का दिल मत तोड़ना
- तुम्हारी आँख में ठहरा हुआ हूँ
- #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #virals #love #sadness #new #sad #sadlife
- "'"🧑🍳 मूंग दाल के चिले की सब्जी ""🫕
- “जानती थी वो”
- अजनबी
- मैं पुरखों के घर आया था
- Ek Ladki Ki Kahani
- "अद्वितीय परिप्रेक्ष्य: अपने तरीके से परिवर्तन नेविगेट करना"
- खुद से मिल
- बेफिक्री
- वो एक गुलाबजामुन की कसक -42 वर्षों से
- "श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव" {००}
- सैलानियों का स्वर्ग काश्मीर
- शायरी
- #अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस---
- कैसा दौर
- तुम्हारी जुल्फ़ों के साए से भी न जाने क्यों डर सा लग रहा है
- माँ शारदे
- टूट गई एक कली
- प्रयास
- आत्मा
- चम्मच
- वो सर्द रात...
- नींद और ख्वाब
- बेटे:- पिता के राजकुमार
- कहानी अभ्यास
- भाग्य से कर्म तक
- ज़िक्र दिल - ए -हाल
- प्रकृति और तुम
- विश्वामित्र-मेनका
- इश्क़, बेरोज़गारी और जज़्बात
- माँ
- क्या आप भी क्लियर करेंगे एग्जाम
- दीपावली की लोककथा
- अनादि
- नाम,दाम,मुकाम,परिणाम सब काम से ही मिलते है
- इतना खाली है दिल मेरा
- Love shayari..
- #659 Ekantik Vartalaap & Darshan/ 06-09-2024/ Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj
- Nikhar rahe hai
- दिल्ली एमसीडी चुनाव: राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा
- नव धारायें
- नवीन धाराओं का सृजन
- Writer Introduction - दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”
- दिल
- Generation
- never forget the wellwishers
- वो 5 साल की बच्ची का बाल सुलभ दुस्साहस
- भूखे लकड़बग्घे...
- लॉकडाउन में पड़ोसन टीचर को चोदा- 1
- आज भी ऐसा होता हैं!
- मेरी प्यारी संजना
- जीवन की गति
- जीवन
- अपनी बातों को ही मनवाया करता हूँ
- बिंदी
- दूरियों का खूंटा
- '"' सुझाव किचन से 🫕
- #lyrics #bolbamsong भोले बाबा के अधीन रजउ...
रिम झिम बरसे देखs सावन ई सुहानी,
देवघर चलs किरपा, करिहे भोलेदानी,
देतs एगो गेरुआ साड़ी ..किन ए रजउ...
तs हमनी रहब असो बाबा..के अधीन ए रजउ...
उठाईब कावर असो जालवा चढ़ाईब्,
भांग बेल पतर से शिव के गोहराइब् ।
उहे दूर करिहें दुखवा के...दिन ए रजउ....
तs हमनी रहब असो बाबा..के अधीन ए रजउ... ।
बोल बम बोलत चलब रहिया डगरिया,
थाकी ना पईंया सईया बाबा के नगरिया ।
होई गईनी भगती मे....लीन ए रजउ.....
तs हमनी रहब असो बाबा.. के अधीन ए रजउ..... ।
बाड़s तु नादान पिया जनलs ना माया,
नीला कइसे होई गईले विषधर के काया ।
विष पियले घडा़ भरी... देव लोग से छीन ए रजउ...
तs हमनी रहब असो बाबा के.. अधीन ए रजउ... ..।
✍️Author Munna Prajapati
#post #songwriter #songlyrics #view #virals #bhojpuri_song #bhojpuriviral #bhojpuri #bolbam #bhakti
नोट :- यदि इस गीत को आप व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकते हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद । हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏
Browse Other Words By Clicking On Letters