ये स्टोरी एक ऐसी लड़की की है जो बहुत सिंपल रहना उसे अच्छा लगता था ना किसी से ज्यायेदा बात करती थी और ना ही घर से ज्यादा बाहर निकलती थी लेकिन फिर भी उस पे एक रूहानी आत्म के साय की नजर मे आ जाती है।
संजना अभी कॉलेज के 2nd ईयर मे थी वो सारी लड़कियों से बिल्कुल अलग ना कोई मेकअप करना वो बहुत भोसा
एसली थी इस दुनिया के झूठे प्यार से बिल्कुल अंजान थी जीस के वजह से उस के मम्मी पापा बहुत परेशान रहते थे तभी उस के कॉलेज मे एक लड़का न्यू एडिमिसिन लेता है देखने मे बहुत हेंडसम रहता है सभी लड़कियां उसे बस देखे जा रही थी लेकिन संजना अपनी बुक पढ़ रही थी तभी उस लड़के आरव की नजर संजना पर पड़ती है और उस के पास जाता है और बोलता क्या मैं यहां बैठ सकता हु संजना उसे देखते हुऐ बोलती है ओक। और अपने बुक मे देखने लगती है आरव वहा चुप चाप बैठ जाता है और अपनी बुक खोलता है और वो भी देखने लगता है लेकिन उसकी आंखे बार बार सिर्फ संजना को देखे जा रहा था तभी संजना उसे देखती है
उसे देखते हुऐ लेकिन कुछ नही बोलती लेकिन आरव उस से बात करना चाहता था और वो बोल ही देता है क्या नाम है आपका संजना उसे कुछ नही बताती है और वहा से उठ के चुप चाप क्लास से बाहर चली जाती हैं
आरव को बुरा लगा लेकिन वो इग्नोर कर दिया।
कुछ ही देर मे आरव क्लास से निकलकर अपने घर जाने के लिए अपनी कार के तरफ जाने लगता है तो देखता है वोही लड़की कॉलेंज के गार्डन मे बैठी रहती है चुप चाप आरव मन ही मन उस के बारे मे सोचता है आखिर ये और लड़की जैसी क्यों नही है ये अकेले क्यों बैठी है तभी आरव उस के पास जाता है और बोलता है तुम यहां अकेले क्यू बैठी हो तुम्हारी कोई फ्रेंड नही है क्या तभी संजना बोलती है तुम मुझ से दूर रहो गुस्से से मुझ से बात मत करो और वहा से चली जाती और अपने कार मे बैठ जाती है और घर के लिए निकल जाती है आरव बोलता है ऐसा मैं क्या कर दिया जो इतना गुस्सा कि मेरा सकल तो ठीक है अपना फोन निकलकर देखने लगता है आरे मेरा सकल तो ठीक है फिर गुस्सा क्यों की।
अगले दीन फिर दोनो कॉलेज आते है आरव उसे बस देखता और सोचता ऐसे करते 3 महीने हो गए लेकिन संजना के बरतारू मे कोई सुधार उसे नही देखने को मिला।
एक दीन संजना संजना कॉलेज नही गई होती है आरव कॉलेज आते ही सबसे पहले संजना को देखता था लेकिन आज उसे क्लास मे संजना नही देखी उसे अच्छा नही लग रहा था
वो खुद से सवाल कर रहा था की आखिर वो कॉलेज नही आई तो मुझे क्यू बुरा लग रहा कोई मुझे उस से प्यार तो नही ना हो गया ये बोलते बोलते हुए उस के फेस पे स्माइल रहती है और वो अक्सपेट कर लेता की उसे प्यार हो गया है। लेकिन मैं ये बात संजना को कैसे बोलू वो तो मुझ से बात करना ही नही चाहती है
तभी आरव बोलता है चाहे कुछ भी हो जाए मैं उसे अपने दिल का बात बता के रहुगा।
नेक्स्ट डे संजना कॉलेज आती है तभी आरव भी आ जाता है और क्लास के अंदर संजना को देखकर उस के पास बैठ जाता है और उस से बोलता मुझे तुम्हे कुछ बोलना हैसंजना देखती तो है लेकिन कुछ नही बोलती फिर भी आरव उसे i love you बोल देता है संजना कुछ नही बोलती और फिर से वहा से चली जाती है और क्लास के बाहर खरी हो जाती है तभी आरव उस के पास जाता और बोलता है मैं तुमसे बहुत प्यार करता हु तुम बाकी लड़कियों से बहुत अगल हो इस लिए तुम मुझे बहुत पसंद हो
तभी संजना उसे बोलती है मैं किसी से भी प्यार नही कर सकती मेरे पास जो भी करीब आता है वो मर जाता है
ये बात सुनकर आरव हसने लगता है ये तुम क्या बोल रही हो संजना पागल हो ऐसा कुछ नही होगा संजना गुस्से से बोलती है तुम्हे बिलीव करना है तो करो नही तो मत करो लेकिन मैं किसी की मौत की वजह नही बनना चाहती प्लीज मुझ से दूर रहो
आरव - ये नही हो सकता अगर तुम मुझ से प्यार करती होगी तो मुझे कल हां बोलोगी नही तो मैं यहां से हमेशा के लिए तुमसे दूर और इस शहर मुंबई से बहुत दूर चला जाऊ गा आगे तुम्हारी मर्जी बाय। संजना रात भर उसकी बात को सोचती रहती है कुछ देर बाद सुबह हो जाती है संजना कॉलेज के लिए निकल जाती है जैसे ही कॉलेज अंदर जाने ही होती की आरव उस के सामने आ कर खड़ा हो जाता है और उस से पूछता है क्या है तुम्हारा जवाब संजना पहली बार हस्ते हुई उसे हां बोलती है तभी आरव उसे गले लग जाता है और बोलता है i love you संजना और संजना भी बोलती है i love you too आरव
जैसे ये वर्ड बोलती है आरव के आखों मे आसू आ जाते है और बोलता है मैं बहुत खुश की तुम मेरी लाइफ मे आई।
दोनो प्यार भरी बातें करते है।
संजना - अच्छा अब मैं चलती हु घर।
आरव - क्यू
संजना - जाना होगा काम है घर मे।
आरव - ओक।
जैसे ही सजना अपने घर के लिए निकलती है की पीछे से आवाज आती है और वो आवाज आरव का होता है देखती है आरव अपना हाथ अपने दिल पे रखे हुई बहुत जोर से चिलाता है संजना देखो ना मुझे क्या हो रहा बहुत पैन हो रहा है ऐसा लग रहा मैं अब मर जाओ गा ये वर्ड बोलते ही आरव अपना आंख बंद कर देता है संजना दौर के उस के पास जाती और अपनी खोदी मे उसका सर को ले लेती है और उसे उठने को बोलती है पूरा कॉलेज के लोग उस के पास आ जाते है और बोलते क्या हुआ उन्ही मे से एक लड़का आरव की नस को छूकर बोलता है ये तो मर गया है तभी संजना को एक आवाज सुनाई देती है और वो बोलता है मेरी प्यारी संजना तुम्हे मै बोला था ना तुमसे
जो भी तुम्हारे करीब आयेगा उसे सिर्फ़ मौत मिलेंगी क्युकी तुम सिर्फ मेरी हो।
ये स्टोरी यही पे खत्म होती है