#कर्म और भाग्य --
भाग्य और पुरुषार्थ दोनों साथ साथ चलते हैं।
एक दूसरे का चोली दामन का साथ है।।
हम जितनी कड़ी मेहनत और तबज्जह से कार्य करते हैं।
परिणाम उतना आशातीत हम मधुरतम् हासिल करते हैं।।
यदि मशक्कत में हमने कोई भी ढिलाई बरती।
या प्रमाद ने हमको घेरा।
तो स्वाभाविक है नतीजा अपेक्षाओं के विपरीत आए।।
मन से भरसक प्रयास जीजान से करेंगे अगर हम।
तो निश्चित ही सफलता हमारे कदमों को चूमेगी।।
स्वलिखित ---कविता
शीर्षक ---कर्म और भाग्य
रामसेवक गुप्ता✍️
आगरा यूपी