दैनिक लेखन के लिए --
कविता ---क्यों भेदभाव की शिकार होती हैं बेटियां।
क्यों अकाल मृत्यु की भेंट चढ़ती हैं बेटियां।।
क्यों भ्रूण हत्या की दर्दनाक मौत से जूझती हैं बेटियां।
क्यों अपनों से प्रताड़ित का दंश झेलती हैं बेटियां।।
खान पान की कोताही का शिकार होती हैं बेटियां।
क्यों बात बात पर तिरस्कार सहन करतीं हैं बेटियां।।
क्यों सरे राह छेड़खानी का शिकार होती हैं बेटियां।
क्यों लव जिहाद का शिकार होती हैं बेटियां।।
बेटियों आप लड़की नहीं लड़का बनकर चलो।
जोश जुनून और शौर्य से अंतर्मन में बदलाव लाओ।।
नये हिन्दुस्तान की वीरांगना हो नया कुछ कर दिखाओ।
स्वलिखित ---कविता---१०-१०-२२
रामसेवक गुप्ता ✍️
आगरा यूपी