Meaning of बेईमानी से in English
- In a dishonest manner.
- A bird.
- Covered with, or containing, extraneous matter which is injurious, noxious, offensive, or obstructive; filthy; dirty; not clean; polluted; nasty; defiled; as, a foul cloth; foul hands; a foul chimney; foul air; a ship's bottom is foul when overgrown with barnacles; a gun becomes foul from repeated firing; a well is foul with polluted water.
- Scurrilous; obscene or profane; abusive; as, foul words; foul language.
- Hateful; detestable; shameful; odious; wretched.
- Loathsome; disgusting; as, a foul disease.
- Ugly; homely; poor.
- Not favorable; unpropitious; not fair or advantageous; as, a foul wind; a foul road; cloudy or rainy; stormy; not fair; -- said of the weather, sky, etc.
- Not conformed to the established rules and customs of a game, conflict, test, etc.; unfair; dishonest; dishonorable; cheating; as, foul play.
- Having freedom of motion interfered with by collision or entanglement; entangled; -- opposed to clear; as, a rope or cable may get foul while paying it out.
- To make filthy; to defile; to daub; to dirty; to soil; as, to foul the face or hands with mire.
- To incrust (the bore of a gun) with burnt powder in the process of firing.
- To cover (a ship's bottom) with anything that impered its sailing; as, a bottom fouled with barnacles.
- To entangle, so as to impede motion; as, to foul a rope or cable in paying it out; to come into collision with; as, one boat fouled the other in a race.
- To become clogged with burnt powder in the process of firing, as a gun.
- To become entagled, as ropes; to come into collision with something; as, the two boats fouled.
- An entanglement; a collision, as in a boat race.
- See Foul ball, under Foul, a.
Meaning of बेईमानी से in English
English usage of बेईमानी से
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- #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
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(०५) शवाल: परिवारिक झमेल हो , (जैसे आज कल
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तो क्या एक लड़के को विवाह करना ठीक रहेगा?
जबाब : ................
~ मुन्ना प्रजापति
नोट : समय लेकर सोच कर जबाब जरूर लिखिये ।
मुझे इंतजार रहेगा आपके उत्तर का ।🙏
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