Meaning of चैन से in English
Meaning of चैन से in English
Articles Related to ‘चैन से’
- मौत की दुआ...
- विशेष दिवस
- 🧑🍳 कुंदरु की चटनी 🫕
- गेम ओवर...
- काली पहाड़ी की चुड़ैल...
- हर रातों को पूनम कह दूँ
- कहां गई मां मुझे छोड़ कर?
- #डिजिटलीकरण---
- बलिदानी सिपाही
- आप सब को नवरात्र शुभकामनाएं
- Writer Introduction - दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”
- किस्मत
- भाग्य से कर्म तक
- शांत और ठण्डी राख़ - दिनकर से प्रेरित रचना
- बोगेनविलिया
- जता दीजिये
- || गज़ल ||
- नव धारायें
- अनुभव
- Generation
- never forget the wellwishers
- जीवन
- ancestors' house
- वो सर्द रात- 2
- "अद्वितीय परिप्रेक्ष्य: अपने तरीके से परिवर्तन नेविगेट करना"
- जंजीरें
- माँ शारदे
- अभी अभी
- ये इश्क़ नहीं आसान
- धार्मिक अज्ञान
- #कर्म और भाग्य --
- Shri Ram
- आम राजा
- वो सर्द रात- 4
- महाशिवरात्रि
- कुछ ग़ज़ल सी
- कितनी मासूम होती है बेटियां
- Love shayari..
- #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #virals #love #sadness #new #sad #sadlife
- नवीन धाराओं का सृजन
- आशिकी
- तुम्हारी आँख में ठहरा हुआ हूँ
- आज भी ऐसा होता हैं!
- वो सर्द रात- 5
- मैं पुरखों के घर आया था
- मेरी प्यारी संजना
- वो एक गुलाबजामुन की कसक -42 वर्षों से
- '"' सुझाव किचन से 🫕
- Ek Ladki Ki Kahani
- तुम्हारी जुल्फ़ों के साए से भी न जाने क्यों डर सा लग रहा है
- अजनबी
- सैलानियों का स्वर्ग काश्मीर
- "श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव" {००}
- कैसा दौर
- बिंदी
- #अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस---
- शायरी
- सौगंध से अंजाम तक
- टूट गई एक कली
- प्रयास
- वो सर्द रात...
- आत्मा
- चम्मच
- क्या आप भी क्लियर करेंगे एग्जाम
- नींद और ख्वाब
- दूरियों का खूंटा
- बेटे:- पिता के राजकुमार
- कहानी अभ्यास
- वो सर्द रात- 3
- ज़िक्र दिल - ए -हाल
- प्रकृति और तुम
- विश्वामित्र-मेनका
- नाम,दाम,मुकाम,परिणाम सब काम से ही मिलते है
- वो 5 साल की बच्ची का बाल सुलभ दुस्साहस
- दीपावली की लोककथा
- अनादि
- इतना खाली है दिल मेरा
- काश हम बच्चे ही रहते कवि: निशांत कुमार
- Futuristic
- हिम्मत
- Nikhar rahe hai
- Mother and father and daughter realtionship video
- महामारी
- हमारा दिल
- दिल्ली एमसीडी चुनाव: राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा
- किसी का दिल मत तोड़ना
- दिल
- Hindi diwas
- जीवन की गति
- "'"🧑🍳 मूंग दाल के चिले की सब्जी ""🫕
- भूखे लकड़बग्घे...
- “जानती थी वो”
- लॉकडाउन में पड़ोसन टीचर को चोदा- 1
- इश्क़, बेरोज़गारी और जज़्बात
- बेफिक्री
- अपनी बातों को ही मनवाया करता हूँ
- माँ
- #659 Ekantik Vartalaap & Darshan/ 06-09-2024/ Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj
- खुद से मिल
- #poetry क्यूँ करूँ आखिर..
शायद याद रहूँगा किस्सों मे,
मुझे नही बटना हिस्सों में,
मै विवाह क्यूँ करूँ आखिर...
जिसने किया वो मर रहा है किस्त्तों मे.... ।
शुकुन है किसी की यादों में,
जुनून है किसी की वादों मे,
मै किसी से जाहिर क्यूँ करूँ आखिर....
जिसने किया वो कमजोर पड़ गया रिश्तों में... ।
हमसफ़र का सफर से कोई मतलब नहीं,
इश्क़, एहतराम करे इसका कोई तलब नहीं,
मै लिबाह् क्यूँ करूँ आखिर....
जिसने किया वो कट रहा है पीसों मे.. ।
जख्म है, दर्द है, मेरे भी सीने मे,
कमी क्यूँ करूँ मै, अपनी जिंदगी जीने मे,
मै आह क्यूँ भरूँ आखिर.....
जिसने भरी वो तड़प रहा है,
देखकर खुद को सीसों मे..... ।
सबको वक़्त दिया, अपनी जिंदगी का,
कभी गौर नहीं किया, अपनी खुशी का,
रिश्तों का बाजार क्यूँ करूँ आखिर....
जिसने किया, क्या वो आ गया फरिश्तों मे... ।
क्या फर्क पड़ता है ,किसी का होना ना होना है,
जब नीलाम अपनों के बीच होना है,
जब गुमनाम अपनों के बीच होना है,
मै खुद का दाम कम क्यूँ करूँ आखिर....
जिसने किया , क्या वो गए उपर के लिस्टों मे.... ।
शायद याद रहूँगा किस्सों मे,
मुझे नही बटना हिस्सों में,
मै विवाह क्यूँ करूँ आखिर...... ।
~ मुन्ना प्रजापति
#lyrics #truth . #sadness #virals #writer #life #poem #poetrylovers #poets #PostViral #poetrycommunity
नोट: कृपया टेक्स्ट कॉपी - पेस्ट ना करे...
Share direct with your fillings... 🙏
Browse Other Words By Clicking On Letters