Home Meaning केंद्र की ओर झुकना
Meaning of केंद्र की ओर झुकना in English To obey the law of gravitation; to exert a force Or pressure, or tend to move, under the influence of gravitation; to tend in any direction or toward any object. of Gravitate Meaning of केंद्र की ओर झुकना in English English usage of केंद्र की ओर झुकना Synonyms of ‘केंद्र की ओर झुकना’ Antonyms of ‘केंद्र की ओर झुकना’ Articles Related to ‘केंद्र की ओर झुकना’ कड़कती बिजलियां... मिलन की घड़ी... मौत की दुआ... रूहों का मेला... आसान किस्तों पे लोन... मुर्दों की आवाज़... विशेष दिवस 🧑🍳 कुंदरु की चटनी 🫕 हर रातों को पूनम कह दूँ काली पहाड़ी की चुड़ैल... कहां गई मां मुझे छोड़ कर? गेम ओवर... हारे हुए को और क्या हरा ओगे ये इश्क़ नहीं आसान इसरो का आदित्य सौगंध से अंजाम तक जता दीजिये प्रभु स्मरण कहाँ छिपा है वो सर्द रात- 2 एयर इंडिया की एयरबस के साथ डील आजमाईश जीवन की दिशा कारगिल युद्ध के दौरान लिखी मेरी कविता मेरी प्यारी संजना खुद से मिल हैप्पी लोहडी वो एक गुलाबजामुन की कसक -42 वर्षों से भारत में डाक टिकट बोगेनविलिया बलिदानी सिपाही प्रकृति और तुम "ऑस्ट्रेलिया में भारतीय शैक्षिक डिग्री को मान्यता देने की जटिलताओं को नेविगेट करना" कुछ ग़ज़ल सी अभ्यास और रटने का सटिक मंत्र तुम्हारी आँख में ठहरा हुआ हूँ Evaluate to vote Keep Secret never trouble a poor beware गरम चाय की प्याली छलिया है मन जंजीरें श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव। {2} भारत में केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस सत्य होता सामने Muskil Ishq तिजारत याद अनुभव Futuristic #अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस--- अनोखा रिश्ता "श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव" {००} Ek Ladki Ki Kahani वो सर्द रात- 4 तलाश बेटियाँ रंगभूमि जीवन बेटे:- पिता के राजकुमार एक कप चाय 😭पिताजी की कमी,😭 आम राजा #डिजिटलीकरण--- महाशिवरात्रि भारतीय हूं गर्व मुझे खुद पर 15 October 2021 प्रेम एक संघर्ष कोयल की उड़ान मधुर आवाज कवि: निशांत कुमार "आलिंगन परिवर्तन: व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास की कुंजी" इंसानियत सैलानियों का स्वर्ग काश्मीर "'"🧑🍳 मूंग दाल के चिले की सब्जी ""🫕 त्रिया चरित्र की प्रिया।। रात अमावस की काली Generation अजीब प्रश्न भााग- 2 "जानती थी वो” शायरी blessings no division दुश्वारियां भली "अद्वितीय परिप्रेक्ष्य: अपने तरीके से परिवर्तन नेविगेट करना" “जानती थी वो” सरकारी नौकरी वो सर्द रात... रत जगे रंगभूमि आप सब को नवरात्र शुभकामनाएं आत्मा #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
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