Meaning of अलंकार-पूर्ण शैली से in English
Meaning of अलंकार-पूर्ण शैली से in English
English usage of अलंकार-पूर्ण शैली से
Synonyms of ‘अलंकार-पूर्ण शैली से’
Antonyms of ‘अलंकार-पूर्ण शैली से’
Articles Related to ‘अलंकार-पूर्ण शैली से’
- मौत की दुआ...
- विशेष दिवस
- गेम ओवर...
- 🧑🍳 कुंदरु की चटनी 🫕
- काली पहाड़ी की चुड़ैल...
- हर रातों को पूनम कह दूँ
- कहां गई मां मुझे छोड़ कर?
- सौगंध से अंजाम तक
- Nikhar rahe hai
- नवीन धाराओं का सृजन
- खुद से मिल
- चम्मच
- वो सर्द रात- 4
- प्रकृति और तुम
- आम राजा
- काश हम बच्चे ही रहते कवि: निशांत कुमार
- हिम्मत
- दिल्ली एमसीडी चुनाव: राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा
- किसी का दिल मत तोड़ना
- आशिकी
- बेफिक्री
- #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #virals #love #sadness #new #sad #sadlife
- ancestors' house
- वो सर्द रात- 2
- मैं पुरखों के घर आया था
- #अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस---
- किस्मत
- आप सब को नवरात्र शुभकामनाएं
- #डिजिटलीकरण---
- आत्मा
- वो सर्द रात- 3
- बोगेनविलिया
- तुम्हारी आँख में ठहरा हुआ हूँ
- कहानी अभ्यास
- जता दीजिये
- Love shayari..
- नाम,दाम,मुकाम,परिणाम सब काम से ही मिलते है
- कितनी मासूम होती है बेटियां
- अनुभव
- Generation
- जीवन
- अनादि
- वो सर्द रात- 5
- “जानती थी वो”
- लॉकडाउन में पड़ोसन टीचर को चोदा- 1
- जंजीरें
- रात अमावस की काली
- वो एक गुलाबजामुन की कसक -42 वर्षों से
- अपनी बातों को ही मनवाया करता हूँ
- Ek Ladki Ki Kahani
- "अद्वितीय परिप्रेक्ष्य: अपने तरीके से परिवर्तन नेविगेट करना"
- मेरी प्यारी संजना
- शायरी
- कैसा दौर
- बिंदी
- नींद और ख्वाब
- सैलानियों का स्वर्ग काश्मीर
- माँ
- '"' सुझाव किचन से 🫕
- अभी अभी
- धार्मिक अज्ञान
- माँ शारदे
- ये इश्क़ नहीं आसान
- ज़िक्र दिल - ए -हाल
- टूट गई एक कली
- Shri Ram
- #कर्म और भाग्य --
- विश्वामित्र-मेनका
- बेटे:- पिता के राजकुमार
- भाग्य से कर्म तक
- बलिदानी सिपाही
- इतना खाली है दिल मेरा
- प्रयास
- कुछ ग़ज़ल सी
- तुम्हारी जुल्फ़ों के साए से भी न जाने क्यों डर सा लग रहा है
- शांत और ठण्डी राख़ - दिनकर से प्रेरित रचना
- महाशिवरात्रि
- || गज़ल ||
- दूरियों का खूंटा
- #659 Ekantik Vartalaap & Darshan/ 06-09-2024/ Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj
- Writer Introduction - दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”
- दीपावली की लोककथा
- हमारा दिल
- Mother and father and daughter realtionship video
- दिल
- महामारी
- Futuristic
- never forget the wellwishers
- नव धारायें
- वो सर्द रात...
- आज भी ऐसा होता हैं!
- "'"🧑🍳 मूंग दाल के चिले की सब्जी ""🫕
- भूखे लकड़बग्घे...
- वो 5 साल की बच्ची का बाल सुलभ दुस्साहस
- गुरु शिष्य
- अजनबी
- "श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव" {००}
- क्या आप भी क्लियर करेंगे एग्जाम
- Hindi diwas
- एक कप चाय
Browse Other Words By Clicking On Letters