Meaning of पित्त तथा पित्ताश्मरी से उत्पन्न होने वाला गहरे भूरे रंग का वर्णक in English
- A brownish green pigment found in human gallstones and in old bile. It is a derivative of bilirubin.
Meaning of पित्त तथा पित्ताश्मरी से उत्पन्न होने वाला गहरे भूरे रंग का वर्णक in English
English usage of पित्त तथा पित्ताश्मरी से उत्पन्न होने वाला गहरे भूरे रंग का वर्णक
Synonyms of ‘पित्त तथा पित्ताश्मरी से उत्पन्न होने वाला गहरे भूरे रंग का वर्णक’
Antonyms of ‘पित्त तथा पित्ताश्मरी से उत्पन्न होने वाला गहरे भूरे रंग का वर्णक’
Articles Related to ‘पित्त तथा पित्ताश्मरी से उत्पन्न होने वाला गहरे भूरे रंग का वर्णक’
- मिलन की घड़ी...
- मुर्दों की आवाज़...
- उफ़ बेचारा...
- रूहों का मेला...
- मौत की दुआ...
- विशेष दिवस
- राधे कृष्ण
- 🧑🍳 कुंदरु की चटनी 🫕
- कहां गई मां मुझे छोड़ कर?
- गेम ओवर...
- हर रातों को पूनम कह दूँ
- काली पहाड़ी की चुड़ैल...
- सखा
- दूरियों का खूंटा
- तुम्हारी जुल्फ़ों के साए से भी न जाने क्यों डर सा लग रहा है
- सैलानियों का स्वर्ग काश्मीर
- जीवन की दिशा
- क्या आप भी क्लियर करेंगे एग्जाम
- शहर
- किस्मत
- रात अमावस की काली
- गुरु
- Nikhar rahe hai
- कितनी मासूम होती है बेटियां
- शतरंज की बिसात
- मन में जैसा घटेगा
- हमारा दिल
- "भाषाई विविधता का संरक्षण: अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का महत्व"
- माँ
- नींद और ख्वाब
- शांत और ठण्डी राख़ - दिनकर से प्रेरित रचना
- #659 Ekantik Vartalaap & Darshan/ 06-09-2024/ Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj
- मत कहो
- लॉकडाउन में पड़ोसन टीचर को चोदा- 1
- नीम
- "अद्वितीय परिप्रेक्ष्य: अपने तरीके से परिवर्तन नेविगेट करना"
- रंगभूमि
- छोर
- आम राजा
- भारत में डाक टिकट
- कुछ ग़ज़ल सी
- प्रभु स्मरण
- #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #virals #love #sadness #new #sad #sadlife
- भाग्य से कर्म तक
- Power of Vote
- Futuristic
- never trouble a poor
- घड़ी की सुइयां
- truth ( Ridveda 1. 1. 8 )
- बेफिक्री
- साजिश ए इश्क।
- दोहे- दर्शन
- रेलयात्रा
- वो सर्द रात- 4
- मिज़ाज़
- इश्क़, बेरोज़गारी और जज़्बात
- शातिर दुनिया
- लौह पुरुष
- बिंदी
- शायरी
- बिहार का गौरवशाली इतिहास
- कैसा दौर
- नाम,दाम,मुकाम,परिणाम सब काम से ही मिलते है
- Hindi diwas
- वो एक गुलाबजामुन की कसक -42 वर्षों से
- "श्रीमदभागवत गीता पर स्व के भाव" {००}
- तुम लाख छुपाओ बात मगर
- खुद से मिल
- '"' सुझाव किचन से 🫕
- ओ मोहन मुरली वाले ओ राधा के श्याम
- सरकारी नौकरी
- अपनी बातों को ही मनवाया करता हूँ
- "आलिंगन परिवर्तन: व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास की कुंजी"
- ग़ज़ल
- यही सच है
- #डिजिटलीकरण---
- चले आओ
- चांद और तारे
- वो सर्द रात- 3
- भूखे लकड़बग्घे- 2
- सौगंध से अंजाम तक
- #अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस---
- दिल
- दैनिक न्यूज
- दीपावली की लोककथा
- क्षितिज क्षितिज ही रहेगा
- Writer Introduction - दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”
- Ek Ladki Ki Kahani
- #कर्म और भाग्य --
- धूप की उम्मीद कुछ कम सी है
- कविता
- Rama is superior of all
- Biggest democracy
- जीवन
- त्रासदी
- किसी का दिल मत तोड़ना
- अभ्यास और रटने का सटिक मंत्र
- प्रात काल का सौंदर्य
- वक्त का बदलना
- जंजीरें
Browse Other Words By Clicking On Letters