हो गया नीला , निकल आया उजाला
आकाश , हो गया थोड़ा नीला-नीला
उदय हो रहा , नई उम्मीदों का
उग रहा , सूर्य विश्वास का
नील जैसे , शंख बज रहा हो
यह वादय , भजन चल रहा हो
पक्षी चिलाकर , ऊर्जा बरसाता है
सूर्य स्वयं की रौशनी , बरसाता है
आई है , खुशहाली लालिमा छाई है
छाई है , खूबसूरती चारोर आई है
क्या ! यह फिल्म , बनाई कुदरत ने
वहा ! दुर्लब दर्शन करवाए कुदरत ने
इसे हर ऋतु , देखा जा सकता है
यह प्रातःकाल , मे दिख सकता है
ये सुंदर दृश्य , सुबह के काल मे
यह दृश्य दिखता , प्रातःकाल मे