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नीम

4 January 2025

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आज मैं एक ऐसे पेड़ के बारे में लिख रहा हूं जो भारत में बहुतायत में पाया जाता था लेकीन आज कही कहीं देखने को मिलता है। जिसकी छाया बहुत ही सघन एवं ठंडी होती हैं। जिसके निचे बैठ कर गर्मी का अहसास बहुत कम होता है। आप इसे गांवों का AC भी कह सकते हैं।

मैं बात कर रहा हूं नीम की जिसका वैज्ञानिक नाम Azadirachta indica हैं । यह एक औषधीय गुणों से युक्त वृक्ष है। हमारे देश में ये बहुतायत में पाया जाता था लेकिन अब ये वृक्ष बहुत कम मात्रा में पाया जाता हैं। गांवों में पहले के समय में ये वृक्ष हर घर के आंगन में पाया जाता था लेकीन आज गांव ही कस्बों में बदलते जा रहे हैं। जनसंख्या बढ़ती जा रही है और जगह कम होती जा रही है, यही कारण है कि पेड़ों की संख्या भी कम होती जा रहीं हैं जो कि चिंता का विषय है। व्यक्ति अपनी भौतिक सुविधाओ के लिए प्राकृतिक वस्तुओं का त्याग कर रहा है। आज पेड़ो को एक बड़ी संख्या में काटा जा रहा है। पहले के समय में घरो को ठंडा रखने के लिए घरों के आसपास पेड़ों को लगाया जाता था, आज AC का प्रयोग किया जाता है जबकि पेड़ दूषित वायु को ग्रहण कर शुद्ध वायु छोड़ते हैं और AC ज़हरीली गैस छोड़ती है जिससे ग्लोबल वार्मिग बढ़ रहा है। सब कुछ पता होते हुए भी लोग घरों के आसपास पेड़ों को नही लगाना चाहते हैं और फिर गर्मी का मौसम आते ही एक की जगह दो दो AC लगा लेंगे। नीम एक ऐसा पेड़ है जो पर्यावरण के अनुकूल है और आयुर्वेद में नीम को बहुत ही उपयोगी पेड़ माना गया है। नीम के पेड़ का प्रत्येक भाग उपयोगी है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के रोगों में उपचार के लिए किया जाता हैं। 

नीम का उपयोग

नीम जितनी कड़वी होती है, उतनी ही फायदे वाली होती है ।

नीम की छाल का लेप सभी प्रकार के चर्म रोगों और घावों के निवारण में सहायक है।

नीम की दातुन करने से दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं।

नीम की पत्तियो को चबा कर खाने से रक्त शोधन होता है जिससे चेहरे पर चमक आ जाती है (ये मेरा अपना अनुभव है)।

नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर नहाने से शरीर की खुजली दूर हो जाती है।

नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर काढ़ा बना कर बाल धोने से बाल मजबूत हो जाते है।

इसका प्रयोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है।

आजकल तो नीम का प्रयोग खेती में भी खाद के रुप में किया जाता हैं। वैसे तो नीम के बारे में काफी कुछ लिखा जा सकता है लेकीन आज के लेख में बस इतना ही लिख रहा हूं, कभी किसी दिन फिर से नीम के ऊपर कोई लेख लिखूंगा। मेरा ये लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।