Home Meaning अंडे से निकलना
Meaning of अंडे से निकलना in English To cross with lines in a peculiar manner in drawing and engraving. See Hatching. To cross; to spot; to stain; to steep. To produce, as young, from an egg or eggs by incubation, or by artificial heat; to produce young from (eggs); as, the young when hatched. To contrive or plot; to form by meditation, and bring into being; to originate and produce; to concoct; as, to hatch mischief; to hatch heresy. To produce young; -- said of eggs; to come forth from the egg; -- said of the young of birds, fishes, insects, etc. The act of hatching. Development; disclosure; discovery. The chickens produced at once or by one incubation; a brood. A door with an opening over it; a half door, sometimes set with spikes on the upper edge. A frame or weir in a river, for catching fish. A flood gate; a a sluice gate. A bedstead. An opening in the deck of a vessel or floor of a warehouse which serves as a passageway or hoistway; a hatchway; also; a cover or door, or one of the covers used in closing such an opening. An opening into, or in search of, a mine. To close with a hatch or hatches. Meaning of अंडे से निकलना in English English usage of अंडे से निकलना Synonyms of ‘अंडे से निकलना’ Antonyms of ‘अंडे से निकलना’ Articles Related to ‘अंडे से निकलना’ मौत की दुआ... विशेष दिवस काली पहाड़ी की चुड़ैल... गेम ओवर... 🧑🍳 कुंदरु की चटनी 🫕 हर रातों को पूनम कह दूँ कहां गई मां मुझे छोड़ कर? ये इश्क़ नहीं आसान प्रकृति और तुम बलिदानी सिपाही हिम्मत किस्मत आत्मा Shri Ram वो सर्द रात- 3 जता दीजिये || गज़ल || Writer Introduction - दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्” अनुभव Generation आशिकी खुद से मिल "अद्वितीय परिप्रेक्ष्य: अपने तरीके से परिवर्तन नेविगेट करना" वो सर्द रात- 5 '"' सुझाव किचन से 🫕 तुम्हारी जुल्फ़ों के साए से भी न जाने क्यों डर सा लग रहा है माँ शारदे अभी अभी चम्मच आप सब को नवरात्र शुभकामनाएं शांत और ठण्डी राख़ - दिनकर से प्रेरित रचना बेटे:- पिता के राजकुमार विश्वामित्र-मेनका #डिजिटलीकरण--- महाशिवरात्रि कुछ ग़ज़ल सी #poetry शीर्षक : " एक पल तो गुजारा है तूने "
चलो उम्र ना सही,
मेरा एक लम्हा तो सवारा है तूने,
वादा किए आखिरी सास तक की,
पर होते ही उड़ गए...
चलो जिंदगी का,
एक पल तो गुजारा है तूने ।
तबाह कर गया मुझको,
लब्जों मे बया भी नही कर सकता,
किया कितना खसारा है तूने,
पतझड़ का मौसम हो गयी है जिंदगी,
मेरा छीना एक - एक सहारा है तूने ।
मेरी मुश्किलें... उम्र के साथ
बढ़ती जा रही है,
कैसे कह दूँ...
दर्दों से मुझको उबारा है तूने,
जो तुम चल दिये..
अपनी यादों को भी लेकर जाते,
खुद को बसाकर...
अपने दिल से मुझको, नकारा है तूने ।
ये हवाएँ... ये फिजायें...
खुशबु नही लाती... अब...
पहले की तरह,
लगता है गुलशन को भी
बदन से उतारा है तूने,
वो लबों की मुश्कान तेरी...
ख्वाबों मे भी दिल को चिर जाती है,
जाने क्यूँ... और कैसे...
मेरी मोहब्बत को, किया किनारा है तूने ।
वफा, एहतराम.. जो कुछ भी है,
तेरे - मेरे दरमियाँ.. इश्क़ में
सारा का सारा.. हमारा है,
ऐ साथी , साथ छोड़ जाना तेरा,
हर शाम गुजारती है मयखाना मेरा,
संभलना कहीं तुझे भी
कोई छोड़ ना जाए...
किया गलत इशारा है तूने ।
वादा किये आखिरी सास तक की
पर होते ही उड़ गए,
चलो जिंदगी का....
एक पल तो गुजारा है तूने..... ।।
✍️ Author Munna Prajapati
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अब गुजर रहा है वो जमाना,
अब किसी पर भी यकीन नही करेगा कोई....
झूठा साबित हो रहा है, अब तो प्रेम का पैमाना,
अब रिश्तों मे बगैर मुनाफे के,
कोई सीन नही करेगा कोई ।।
ये पीढ़ी आखिरी थी, दिल को दुखा लिया हमने,
अपने आखों के आँशु, आँखों मे ही सुखा लिया हमने,
अब तो लोग जिश्म से खेलेंगे और चलते बनेंगे...
जो जल रहा था चराग़, आशियाने मे,
अब तो उसे भी बुझा लिया हमने ।
गर जिंदा रहा तो देखूंगा, तुम्हारे बच्चों का कारनामा.. ...
यकीन मानो मर्द का,हर रात रंगीन करेगा कोई....
अब गुजर रहा है वो जमाना,
अब किसी पर भी यकीन नही करेगा कोई.. ।।
तुम देखना कुछ ही सालों मे,
कोई आये - जाए नही रह पायेगा मलालों मे,
हर रोज दूसरा होगा, निगाहों के इन खयालों मे,
तुम ढुंढोगे पुस्तक के पन्नों मे,
जबाब रहेगा पूछे गए शवालों मे ।
तुम डाटते रह जाओगे,
तुम सिखाते रह जाओगे..
कुछ असर नहीं करेगा तुम्हारा ताना ...
यकीन मानो तुम्हारे उसूलों का तौहीन करेगा कोई...
अब गुजर रहा है वो जमाना,
अब किसी पर भी यकीन नही करेगा कोई.. ।।
इश्क़ नही, जिश्म की चाहत पूरी की जायेगी,
नये जमाने के नाम पर, हर कहानी अधूरी की जायेगी,
अपनापन मिट जायेगा, रिश्तों की अहमियत मे दूरी की जायेगी,
ना चाहते हुए भी, कुछ अजीब
चरित्रों की मंजूरी दी जायेगी ।
खत्म होगा मोहब्बत करने और निभाने का अफसाना...
यकीन मानो उम्र से पहले मिलकर,
खुद को हसीन करेगा कोई....
अब तो गुजर रहा है वो जमाना,
अब किसी पर भी यकीन नहीं करेगा कोई.. ।।
✍️ Author Munna Prajapati
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