Meaning of पीछे हटते हुए in English
- In a retrogressive manner.
Meaning of पीछे हटते हुए in English
English usage of पीछे हटते हुए
Synonyms of ‘पीछे हटते हुए’
Antonyms of ‘पीछे हटते हुए’
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- समय बहोत कीमती है, समझो :-
आज मैं आपसे एक ऐसी बात करूंगा जो शायद आपको चुभेगी, पर सच है। समय की कीमत न समझने से जिंदगी बर्बाद हो जाती है। आपके पास समय नही है यह पढ़ने के लिए मै जानता हूँ । नृत्य कलाओ (अर्धनग्न) को देख कर आँखे तृप्त होती हैं न आपकी, यही जीवन है और शायद आप यही तक सीमित रह जायेंगे । क्या आवश्यकता है कुछ करने की, कुछ सोचने की, जीवन तो कट ही रहा है और कट भी जायेगा ।
(१) कल्पना करो एक ऐसे शख्स की, जो हर रोज सोचता है - कल से सुबह जल्दी उठूंगा, एक्सरसाइज करूंगा। पर वो कल कभी नहीं आता। धीरे-धीरे वो मोटा होता जाता है, बीमार पड़ता है। और एक दिन डॉक्टर कहता है - अब बहुत देर हो गई।
(२) फिर सोचो उस लड़की/ लड़का के बारे में, जो हर दिन अपने पिता से कहती / कहता है - पापा, कल आपके साथ पार्क चलूंगी/ चलूँगा। पर वो कल कभी नहीं आता। एक दिन पिता चल बसते हैं, और वो लड़की पछताती रह जाती है।
(३) सोचो उस पति के बारे में, जो हर रोज अपनी पत्नी से कहता है - बस कुछ दिन और, फिर तुम्हारे साथ वक्त बिताऊंगा। पर वो दिन कभी नहीं आते। और एक दिन पत्नी किसी और के साथ चली जाती है, और वो अकेला रह जाता है।
ये सब कहानियां अलग-अलग लग सकती हैं, पर इनमें एक बात कॉमन है - समय की कीमत न समझना। समय हम सबके लिए कीमती है, अलग-अलग है परंतु है ।
हम क्या करते हैं ? हर पल को अगले पल के लिए जीते हैं। स्कूल में सोचते हैं कॉलेज के बारे में। कॉलेज में जॉब के बारे में। जॉब में रिटायरमेंट के बारे में। और फिर ? फिर वक्त खत्म हो जाता है।
समय किसी का इंतजार नहीं करता। वो बस बीतता जाता है, चुपचाप, लगातार। और एक दिन हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो पाते हैं कि जिंदगी कब बीत गई, पता ही नहीं चला। वक़्त गुजर जाने के बाद पछतावा होता है कि काश मै वो कर लिया होता!
याद रखो, जिंदगी सिर्फ सांसों की गिनती नहीं है। ये उन पलों की गिनती है जो तुम्हारी सांस रोक दें। जो तुम्हें जीवंत महसूस कराएं।
तो क्या करें ???? 🤔
अभी जियो। हां, भविष्य के लिए प्लान करो, पर वर्तमान को मत भूलो। रोज कुछ ऐसा करो जो तुम्हें खुशी दे। खुशी मे सिर्फ खुद की खुशी नही होती कुछ अपनों की भी खुशी शामिल होती है । चाहे वो 5 मिनट ही क्यों न हो।
अपनों के साथ वक्त बिताओ। फोन रखो और उनसे बात करो। याद रखो, रिश्ते वक्त मांगते हैं, पैसे नहीं। और कोई रिश्ते ऐसे हैं भी जो सिर्फ पैसे मांगते है तो उन्हे वह भी देकर खुश रखो, उसमे क्या जाता है! परंतु एक सीमा मे ।
और सबसे जरूरी, खुद के लिए वक्त निकालो। वो किताब पढ़ो जो तुम पढ़ना चाहते थे। वो जगह घूमो जहां तुम जाना चाहते थे। हर व्यक्ति की खुशी किसी ना किसी एक चीज की जरूर होती है । शौक होती है कुछ खुद के लिए, अपने मन की खुशी के लिए करने की, वो जीवन जो तुम स्वतंत्रता से जीना चाहते हो । जियो, इन सबके लिए कुछ पल निकालो और जियो ।
क्योंकि अंत में, जब तुम पीछे मुड़कर देखोगे, तो तुम उन पलों को याद करोगे जो तुमने जिए, न कि उन पलों को जो तुमने टाले।
बहोत कीमती है इस जीवन का हर एक पल, कभी कोई एक पल भी बेवजह मत गुजरने दो । संभालो , संभलो और चलते रहो । कभी थकना नही, जो एक पल के लिए रुके, तुम मिलों दूर हो जाओगे । खयाल रहे ।
तो आज से, अभी से, इसी पल से जीना शुरू करो। क्योंकि कल किसने देखा है !
✍️ Author Munna Prajapati
- #poetry " कोई गीत या प्रीत, ऐसे ही नही बनते "
रिश्ते निभाने के लिए, दो हाथ लगतें हैं,
और आपको ये आसान बात लगतें हैं ।
व्यक्तित्व उसमे नहीं जिसमे,
आपके आत्म सम्मान लगतें हैं ।।
धन कमाना है जीने के लिए सच है मगर,
खयाल यह भी रहे, करम मरने के बाद लगतें हैं ।
बस आज ही तो है, कल कहाँ है ,
अंतिम चरण में सिर्फ शमशान लगतें हैं ।।
सबकी दौड़ जारी है, एक दूसरे के पीछे,
कोई हमसे आगे ना निकल जाय...!
ये इंसान नहीं, बेईमानों के जात लगतें हैं ।
कुछ इंसान, यहाँ सर्वज्ञानि हैं, खुद में,
हमे तो ,ये सब , नादान लगतें हैं ।।
मै समय हूँ मुझे, खुद पर कोई रोक नहीं,
प्रत्येक अवस्था नये मुलाकात लगतें हैं ।
समझो, जीवन का सच जानने के लिए,
एक सच्चे और अच्छे, ईमान लगतें हैं ।।
कोई गीत या प्रीत , ऐसे ही नहीं बनते,
रचित, उनमे हमारे जज्बात लगतें हैं ।
युगों - युगों तक जीवित रहने के लिए,
तन मन से, महाबीर और वर्धमान लगतें हैं ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#post #poetry #poem #life #realtalk #Real #writer #writing #virals #motivation #hindi #imotional
- #poetry शिर्षक :- " मेरे पुस्तक...गल जायेंगे "
हो रही है बारिश, मेरे पुस्तक गल जायेंगे,
जो लिखीं हैं इनमे, वो बातें कल आयेंगे,
मत छेड़ो उसे जो नादान है,
टूट जायेगा हौशला, और जो आत्म सम्मान है,
जो जन्मा है मनुष्य, बहोत महान है,
मत करना गुरुर, यह जीवन दान है,
धरती है करीब मगर, उचा आसमान है,
तुम हो अकेले भीड़ मे, ये दुनिया बिरान है,
चलो सरल रास्ते को छोड़ो,
मुख मंजिल के तरफ मोड़ो,
आरे ...एक बार तो पन्ने को पलट,
तू कुछ तो लिख ...सही या गलत,
सोचता क्या है, तू लिखना शुरू कर,
अंधेरा है... तू जिधर जायेगा रौशनी उधर आयेगी,
वो तेरी है.. तुझे मिलेगी.. किधर जायेगी,
तुम्हे बस इस पुस्तक को पढ़नी है,
सरल है, जीवन की सीढ़ी पर चढ़नी है,
आज कारवाँ आगे है, कल पीछे होगा,
जो तुमसे उच्चा है, वो तुमसे नीचे होगा,
चल पांच कदम, आगे रास्ता मिल जायेगा,
बदलेगा मौषम कामयाबी का, फूल खिल जायेगा,
बीत रही है उमर, ये दिन ढल जायेंगे,
जो लिखीं हैं इनमे, वो बातें कल आयेंगे,
हो रही है बारिश, मेरे पुस्तक गल जायेंगे ।।
✍️ Author Munna Prajapati
#viralpage #life #hindi #motivated #truth #lifequotes #poetry #poetrylovers #poemascortos #poem
नोट :- don't copy, share direct please 🙏
- #lyrics #bhojpuri हमके हो गईल बा प्यार...
M- एतना सुनर लागे ई संसार,
बसा लिहलस चेहरा केहुके, अखिया हामार... २
लागता अईसे की हमके,हो गईल बा प्यार... २
F- खिलल बदन चेहरा चमके हामार,
एसे पहिले नाहीं अईसन आईल निखार... २
लागता अईसे की हमके, हो गईल बा प्यार.... २
M -अखियन मे आपना छुपा लिहि तोहके,
दिलवा के धड़कन बाना लिहि तोहके..... २
बा जियरा बेचैन केतना, भइल बा लाचार.....
लागता अईसे की हमके, हो गईल बा प्यार...
F- सापाना साजाके तोहे आपन बानाके,
रख लीहनी सजना तोहे दिल मे छूपाके... २
दिल के बगिया मे तs, हो गईल बा बाहार....
लागता अईसे की हमके, हो गईल बा प्यार....
M- सुतलों मे अखिया जागल रहता,
सब कुछ भूल के उनके पीछे भागल रहता.... २
सोचतानी करीं कबो, उनका से इजहार....
लागता अईसे की हमके, हो गईल बा प्यार...
F- सोची सोची मन भितरे गुदगुदाता,
ना जियल जाईं उनका बिन अईसन बुझाता.... २
तनिका ना हमके ,ई रोग हो गईल बेसुमार....
लागता अईसे की हमके, हो गईल बा प्यार...
साचो हो गईल बा प्यार... हा.. हा.. हा.....
~ मुन्ना प्रजापति
#song #writing #songlyrics #songwriter #post #PostViral #writer #pawansingh999 #bhojpuriviral
नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- हमारी सभी बहनों के लिए यह जनकारी अवश्यक् है :-
पिछले 3 साल का डाटा, 43 लाख लड़कियों में बाझपन और 30 लाख में कैंसर पाया गया... वैलेंटाइन के बाद मुश्किल से 10 दिन के अंदर गायनेकोलोजिस्टो के पास लड़कियों की भीड़ लग जाती है...
टीवी पे ऐड आता है सिर्फ एक कैप्सूल से 72 घंटो के अंदर अनचाही प्रेगनेंसी से छुटकारा...
बिना दिमाग की लडकिया, ऐसी गोलियां जिसका न कम्पोजीशन पता होता है न कांसेप्ट…
बस निगल जाती हैं…
इन फेक गोलियों में आर्सेनिक भरा होता है यह 72 घंटो के अंदर सिर्फ बनने वाले भ्रूण को खत्म नही करता बल्कि पूरा का पूरा प्रजनन तंत्र ही खत्म कर देता है…
शुरू में तो गोलिया खाकर सती सावित्री बन जाती हैं लेकिन शादी के बाद पता चलता है ये अब माँ नही बन सकती…
तो सबको पता चल जाता है इनका भूतकाल कैसा रहा है, पर कोई बोलता नही जिन्दगी खुद अभिशाप बन जाती है…
सरकार हर साल मातृत्व सुरक्षा, जननी सुरक्षा, बेटी बचाओ जैसी योजनाओ के नाम पर करोड़ो रुपयेफुक देती है।
आज हालत ये हैं 13-14 साल की बच्चिया बैग में i-pill लेकर घूम रही है ये मरेंगी नही तो क्या होगा…
और ऐसी जहरीली चीजे वैलेंटाइन पर मेडिकल माफिया भारतीय बाजारों में जानबुझकर उतारता है...
क्युकी सबको पता है, भारत में बुद्धिजीवी वर्ग का कोई मान नही होता... पहले ये लड़कियों को जहर खिलाकर बीमारी देते हैं... फिर उसकी दवाई बेचकर अरबो रूपये कमाते हैं... जिसमे नेता भी कमाई करते हैं... क्युकी ऐसे जहर को बेचने का परमिट और उनकी चेकिंग न करवाने का काम नेता ही कर सकते हैं...
बेटी आपकी, तो उसकी जिम्मेदारी भी आपकी... इस वैलेंटाइन उसके पीछे संत महापुरुष का ही नही बल्कि आप खुद सजग रहोगे, देखने पर विरोध करोगे।
समय है वेलेंटाइन जैसे कुकर्म को बढ़ावा देने वाले घटिया मानसिकता की जगह जगह अपने माता पिता का पूजन कर देश की युवा पीढी को सुदृढ़ बनाने का...
या फिर अगर चाहते हो आपकी बेटे बेटी जमके अय्याशी करे, और बाद में कैंसर, बाझपन, STD की वजह से मर जाए और आपका बोझ हल्का हो... तो एक ही बार में सल्फास दे दो...
समस्या आपके बेटी की अय्याशी और उसके मरने से नही, समस्या होती है, जो दवाईया बेचकर विदेशी कम्पनिया हर साल हमारे देश का अरबो रुपया लुट लेती हैं उससे है... आज कल की सच्चाई।
सभी बहनों के हित मे, यह जनकारी समर्पित किया है ।
सतर्क रहो, भूलकर भी यह गलती मत करना वरना जीवन भर पछताना पड़ेगा.... ।
जनकारी स्रोत : गूगल कोरा..
- किताबें पढने के लिए वक़्त कहाँ है किसी के पास, पूरी दुनिया तो परदे पर दिखायी जाने वाली काल्पनिक चलचित्रों के पीछे दौड़ रही है और अपने आप को अंधकार में लेकर जा रही है । जो जो वास्तवीक ज्ञान पुस्तकों में है वो चलचित्रों मे नही । आप एक मिनट से कम समय की वीडियो देखतें हैं और प्रत्येक मिनट के बाद दूसरी वीडियो देखतें हैं इनके बीच आप अपने मस्तिस्क की स्थिरता को बड़ी तेजी से बदलतें है ।
लगातार एक प्रभाव, दूसरा प्रभाव फिर तुरंत तीसरा प्रभाव, ऐसे ही लगातार स्थिरता, अपनी सोच, उद्देश्य, लक्ष्य आदि को बदलतें हैं जिसके वजह से आप अपने जीवन मे किसी एक लक्ष्य पर स्थिर नहीं रह पाएंगे । स्वभाविक सी बात है इस तरह की क्रियाएँ आपकी स्थिरता को भंग करती है और आप खुद को रोक नही पाते । जब कोई चीज थोड़ी सी ज्यादा समय लेती है या फिर समझ में नही आती तो आप उसे तुरंत छोड़ देते हैं । परंतु आप उसे समझने या किसी एक ही विषय पर गहरा अध्ययन करने की कोशिश नही करते । इंसान की यह सबसे बड़ी दुर्बलता है । जिससे कि वह अपने लक्ष्य को पाने मे चुक जाता है ।
कोई भी बड़ी चीज क्षणिक सोचने से या क्षणिक अध्ययन से पूर्ण नही होती उसके लिए वक़्त चाहिए होता है । और यह तो हमारे मस्तिस्क से निकल चुका है । एक मिनट से अधिक हम किसी एक विषय पर तो सोच ही नही सकते ।
हम जब तक रिल्स देख रहे होते हैं हमारा मस्तिस्क उसके विषय में सोचता है, जो हम देख रहे होतें हैं । परंतु किताबें, जिसमे प्रत्येक शब्द लिखे हुए हैं, उसे आप बार-बार पढ़ सकते हैं । उसे सोच सकते हैं । उसके अनुसार आप अपने जीवन को सक्रिय कर सकते हैं । यह जो मोबाइल फोन का दौर है, यह हमे उस अंधकार के तरफ ले कर जा रहा है जहाँ चारो तरफ कोई भी चराग़ नही । पुस्तकें मनुष्य का मार्गदर्शक हैं । ऐसा नहीं की मै पुस्तकें लिख रहा हूँ तो ही ये सारी बातें कर रहा हूँ! यदि आप इस बात का विचार करना चाहे तो भी नही कर सकते । और नाही यहा तक पहुँच सकतें है जहाँ तक हमने यह कल्पना की है । हम आधुनिक दौर मे जरूर जा रहे हैं परंतु यह भी सत्य है की हम अपने आप को कहीं खो रहें है ।
चलिए जरा सा सोच कर देखिये –
यदि गूगल बंद हो जाय ! यदि इंटरनेट काम ना करे तो हमारा क्या अवस्था हो जायेगा ।
जब मोबाइल का डाटा (इंटरनेट) समाप्त होता है तो इसके बगैर हम इक दिन नही रह पाते, कैसे भी हमे रिचार्ज करवाना ही है । इसका अर्थ यह है की हम किसी के अधीन होते जा रहें हैं । हमारी मानसिकता , हमारे मस्तिस्क पर किसी और का अधिकार हो रहा है । हम मानसिक रूप से किसी और का गुलाम होते जा रहें हैं । आप अपनी आँखें खोलिए और देखिये । हम 1947 मे आजाद हुए थे सत्य है मगर अब फिर हम खुद को गुलामी की तरफ ले जा रहें हैं , आधुनिकता समझकर ।
✍️😰✅🤔 Author Munna Prajapati
#PostViral #healthy #Risky #life #lifestyle #bad #harmful #mobiles #network
#virals
- आँखें तेरी, कितनी हसीं
- दासता के पीठ पर
- भटक भटक में क्या रखा है
- मां
- मां
- जिंदगी मेरी कहानी
- The Horror Family - डरिएगा मत।
- #lyrics #hindi गुलाम आपका हो गया....
M- आपके इन कातिल निगाहों से,
हम बच ना सके ,
दिल मेरा ,गुलाम आपका हो गया...
आपकी पल्केन् झुकी जो शरमा के,
मेरे दिल पे नाम आपका हो गया....
F- हम हुए आपके और हमारा
मुकाम आपका हो गया......
आपके इन...... दिल मेरा.....
F- जाने कैसे - कैसे ,जादू चलाये ,
मुझपर आपने,
मै जहाँ जाऊँ ,आपको पाऊँ ,जैसे
खड़े हो सामने.... २
हम सोचतें हैं रातों में, कैसे
इक अनजान हमारा हो गया....
हम हुए आपके और हमारा
मुकाम आपका हो गया....
M- आपके इन....... दिल मेरा....
M- इस प्यार के, सावन मे,एक दूजे
के बाहों मे बिखर जायेंगे,
ये गोरा बदन, जरा सा और, निखर
जायेंगे.... २
आप बस गए मेरी सासों मे,
अब तो उम्र तमाम आपका हो गया...
हम हुए आपके और हमारा
मुकाम आपका हो गया....
F- आपके इन......... दिल मेरा......
✍️ Author Munna Prajapati
#post #life #virals #songwriter #songlyrics . #love
#trend #viralpost2024 #pawansingh999
नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद🙏 +९१७८९७८६८६२५
- #ghazal झुटा है हर सवाब यहाँ....
किससे तालुक रखे,किससे दिल लगाएं कोई,
झुटा है हर सवाब,फरेब छुपाये हुए सोए कोई ।
हम तो वफा करते मगर ,आपने ही दफा किये.. ३
बेजूबा हुए हमको बुलाये कोई....
किससे तालुक रखे, किससे दिल लगाए कोई...
जला है घर अपना, धुआँ भी कहीं नजर नहीं आता... ३
जले दरख़्त आरे बुझाए कोई...
किससे तालुक रखे, किससे दिल लगाए कोई....
हम भूल बैठे के अपना, नहीं है यहाँ अपना कोई.... ३
लूट गए कितना समझाए कोई....
किससे तालुक रखे, किससे दिल लगाए कोई....
काश वो मुलाकात ,उनसे फिर एक बार हो जाए... ३
काश सच से अवगत कराये कोई...
किससे तालुक रखे, किससे दिल लगाए कोई.....
सूझ बुझ से जरा थम के, कोई भी रिश्ता बनाना साथी... ३
लुभायेंगी बड़ी अदा - ए कोई....
झुटा है हर सवाब, फरेब छुपाए हुए सोए कोई
किससे तालुक रखे, किससे दिल लगाए कोई..... ।
~ मुन्ना प्रजापति
सवाब = पुण्य
#life #virals #songwriter #songlyrics #singer #pawansingh999 #hindi #hindisong #writing
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- इतने भरे हुए थे वो
- अपने लेखनी द्वारा रचित गीतों को सुनते हुए आनंद लेते हुए Author Munna Prajapati // अति सुंदर रचना एवं गीत , बेहद खुबशुरत रचनात्मक लेखनी एवं रचनाकार ।।
Fillings of the Lyrics ✍️✍️👌👌🙏🙏
#pawansingh #KhesariLalYadav #himeshreshammiya #shilpiraj #ankushrajaofficial
- #lyrics देख ली मैने भी एक दफा
सारा शहर भरी निगाह तकता रहा,
मन ही मन हुशन को चखता रहा,
देख ली मैने भी एक दफा,
चाँद इतराने लगा..
हुयी मद होश फ़िज़ा..
बलखाने लगी कमसिन अदा
जो देख ली मैने भी एक दफा.... ।
पलकें झुकाई जब उसने मुस्काते हुए,
मै उसका हो गया नजरें मिलाते हुए ।
मैने खोया खुद से, खुद को उसमे ढूंढ ना पाया,
जाने कैसे उसने, मुझको अपने अखियों मे समाया ।
सारी सारी रात खयालों मे उसके,
मै जगने लगा.......
चाँद इतराने लगा... हुयी मदहोश फ़िज़ा...
बलखाने लगी कमसिन अदा
जो देख ली मैने एक दफा.........
है खबर उसको फिर भी, क्यूँ है बेखबर,
ढूढ़ती है अब तो हर पल, उसको मेरी नजर ।
बस एक ही मुलाकात मे,
मुझको दीवाना कर दिया,
अपने इश्क़ का रंग, मेरे रग रग मे भर दिया ।
देखकर उसका शोख़ बदन, लब हुआ खामोश
दिल हुआ फिदा......
चांद इतराने लगा..... हुयी मदहोश फ़िज़ा...
बलखाने लगी कमसिन अदा...
जो देख ली मैने उसे.. एक दफा...... ।।
Author Munna Prajapati
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नोट:- आप यदि व्यापारिक तौर पर इस गीत को रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें है परंतु हमारी अनुमति लेने के बाद । अनुमति अनिवार्य है 🙏। 078978 68625
- #poetry "१५ अगस्त.... "
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया,
जिसने जाती और मजहब मे
लोगों को उलझा कर रखा है ।
उसने हमेशा बतलाया है के तुम बड़े हो,
तुम्हे बड़ा होना चाहिए और
सबसे आगे होना चाहिए,
तुम हिंदू हो तुम मुश्लिम हो
तुम सिख हो तुम ईसाई हो,
और आज मंच पर, कुछ लोगों के बीच
कह रहा था के हम भारत वासी एक हैं ।
जो अपने फायदे के लिए अपनी
शान के लिए, अपने पद के लिए
जाने कितनों को मौत के घाट उतार दिया होगा!
वह शख्श आज मंच पर, तिरंगे के सामने
इस देश को मजबूत बने रहने का
शिक्षा दे रहा था ।
जो हमेशा लोगों को कम शिक्षित
रखने का उपाय ढूंढता रहा, वह
आज मंच पर विद्यार्थियों के सामने
उच्च शिक्षा पाने की हौशला दे रहा था ।
कुछ शहीदों के बारें मे, उनका चरित्र
चित्रण कर रहा था, अल्पज्ञ लोगों को
समझा रहा था, आजादी कैसे हुयी
इसकी गाथा सबको सुना रहा था जिसने
अपने कर्मों का किताब कहीं
छुपा कर रखा है ।
बहोत बड़ी बड़ी बातें की उसने,
वह सब उसकी जुबानी थी, और
सच तो ये है की वह सब किसी की
लिखी हुयी कहानी थी ।
उसने ये नही कहा कि अस्पताल में,
मरीजों (गरीबों ) को क्यूँ रुलाते हो,
उचे पद पर बैठकर लूट पाट क्यूँ मचाते हो,
किसी मशले को हल करने मे
इतना वक़्त क्यूँ लगाते हो ।
वो लोग भी क्या अजीब थे
जो उसके चिकनी बातों के करीब थे,
तालियां बज रही थी, जय हिंद के
नारे भी लग रहे थे परंतु.....
हिंदुस्तान को जिताने का या फिर
जश्न ए जीत का भाव किसी के
दिल मे नहीं था ।
सब इसी मे डूब गए, के, कब, कैसे
और किसने आजादी दिलायी,
कितनी मुशक्कत् स्वतंत्रता सेनानियों ने
उठायी... बस इन्ही सब बातों पर
हम सबको फुसला कर रखा है ।
आज वह शख्स भी आजादी की
गाथाएँ गाते हुए नजर आया, जो
इस जमी का खाता है, इसी जमी पर
रहता है, हम लोगों के बीच जीता है मगर
भला सिर्फ अपना सोचता है,
मै भी चाहता हूँ,
आजादी की शुभकामनाएँ दूँ... पर
किसे दूँ.... किसे....... 😥
✍️ Author Munna Prajapati
#post #positivity #PostViral #poem #realtalk #reallife #public #truth #writer #life #virals
- #lyrics #hindi मै तुझमे शामिल...
तुमने अपना कहा ,,,,,मैने माना सनम,
हो गया तुझमे शामिल मै सातों जनम ।
आया सावन का लहर ,जब गुजरा समर,
तुम हुए गुमशुदा ,अब है जाना किधर ।
नया है सफर हूँ अंजाना सनम..........
हो गया तुझमे शामिल मै सातों जनम.. ।
जख्म ऐसे मिले, कैसे हैं शीलशीले,
बढ़ रही हैं मेरी, अब तो और मुश्किलें ।
मै इश्क़ करता नहीं तुमने ठाना सनम.....
हो गया तुझमे शामिल मै सातों जनम.. ।
कौन सुनेगा यहाँ, अब कहानी मेरी,
मैने छुपा कर रखी है, निशानी तेरी ।
ले गया मुझसे मेरी जवानी बेरहम...
हो गया तुझमे शामिल मै सातों जनम... ।
✍️ Author Munna Prajapati
#sad #view #virals #love #songs #songlyrics #writing #sadness #relationship
नोट : यदि आप इस गीत को व्यापारिक तौर पर रिकॉर्ड करके रिलीज करना चाहते हैं तो कर सकतें है परंतु हमारी अनुमति लेकर, हमारी अनुमति अनिवार्य है । धन्यवाद 🙏
- #poetry शिर्षक :" हम बेवक़्त मे वक़्त के गुजारे निकले "
हम बेवक़्त मे वक़्त के, गुजारे निकले,
वो जीत गए हमसे और, हम हारे निकले ।
हो गया कोई धनी इश्क़ के बाजार में,
जो भी थे मेरे हिस्से मे, खसारे निकले ।
हम उन्हे ढूढ़ते रहे, समंदर के भवर में,
और वो हमे छोड़कर, किनारे निकले ।
हमारा वजूद मिट गया होता मगर..
कसहुँ...हम तिनकों के सहारे निकले ।
हम सोचते थे उनका सब कुछ, हम ही हैं,
जरा नाराज हुए, उनके अपने हजारों निकले ।
लगा जन्नत मिल गयी उन्हे, दोलत पाकर,
दिनों बाद सड़क पर, हाथ पसारे निकले ।
जोरों से प्यास लगी, बुझाने को लपका,
पीने गया, पानी, समंदर जस खारे निकले ।
नजरें झुकी, ख़ाबों मे भर के खजाने मिले,
और खुली तो...औरों के नजारे निकले ।
जो देखा एक मर्तबा, खुली आसमॉं के तरफ,
सांसे रुकी और... मौत के इशारे निकले ।
दौलत की चाह ने ,उनपर शिकस्त किया,
लगी खंजर उनके सीने मे,जान हमारे निकले ।
✍️ Author Munna Prajapati
#life #love #writing #virals #sad #post #safar #poem #poetrylovers #poets
- #poem शीर्षक: " हम कहाँ याद आतें हैं " #sad
कुछ दोस्तों को नये दोस्त मिल जातें हैं,
फिर हम कहाँ याद आतें हैं,
साथ मे ली गयी तस्वीर,
उन लम्हों की याद दिलातें हैं,
बहोत दूर हुए हम एक दूसरे से,
अब कहाँ कहीं मिल पातें हैं,
कभी फेसबुक, कभी इंस्टा
तो कभी ट्विटर पर,
सब झुटा हाल सुनातें हैं ।
जाने कहाँ बह गए इस बहती दुनिया मे,
कहीं खामोश रह गए, इस कहती दुनिया में ।
कोई घर की जिम्मेदारियों मे जल रहा है,
कोई सूरज की तपती धूप में पल रहा है ।
कोई किसी के इश्क़ मे पड़ रहा है, तो
कोई दुनिया के इस भीड़ से लड़ रहा है ।
प्रत्येक शख्स अपनी हालातों में गुजर रहा है,
दुख मे भी , अब कहाँ हम, किसी को
गले से लगा पातें है.... और
कुछ दोस्तों को नये दोस्त मिल जातें हैं,
फिर हम कहाँ याद आतें हैं,
साथ मे ली गयी तस्वीर, उन लम्हों
की याद दिलातें हैं ।।
Note:- ( Don't copy please, share direct 🙏)
✍️ Author Munna Prajapati
#PostViral #post #virals #viralreelsfb #poetry #poetrylovers #friends #memories
- #lyrics सीने से लग कर रोयेंगे 🎵🎶
मिले जो तुम गर हमसे,
सीने से लग के रोयेंगे...
सदियों गुजरे है कबसे,
सोई ना अखियाँ.... तुम्हारे
गोद में सर रख कर सोयेंगे... ।।
ये कैसा दस्तूर है दुनिया का,
करीब रखो तो दूर हो जाते हैं...
लम्हा बड़ी शख्त गुजरता है,
तन्हा रातों को हुजूर याद आतें हैं... ।
जो और फासले हुए गर तुमसे,
हम खुद को खोयेंगे....
मिले जो तुम गर हमसे,
सीने से लग कर रोयेंगे.... ।।
गए जब से तुम नये शहर,
राह तकती है तेरी ये नजर...
कब लौट आओगे मेरे हमसफर,
टूटने को है अब मेरा सबर..... ।
उठाकर देख लेना कफन तनसे,
किसी और का ना होएंगे...
मिले जो तुम गर हमसे,
सीने से लग कर रोयेंगे.... ।।
ढाया है वक़्त ने मुझपर,
सारे जहाँ का कहर.. ...
आती है हवा चिलमनो से भीतर,
बढ़ाती है सांसों का असर.....
हम शर्मिंदा हैं खुदसे,
अब उल्फत मे गम ना बोयेंगे...
मिले जो तुम गर हमसे,
सीने से लग कर रोयेंगे.... ।।
नोट: कोई अपनी आवाज देना चाहे, दे सकता है ।
हमे सूचित करके ।
Author Munna Prajapati
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- #poetry शिर्षक "गुजर रहा है अब मोहब्बत का जमाना "
अब गुजर रहा है वो जमाना,
अब किसी पर भी यकीन नही करेगा कोई....
झूठा साबित हो रहा है, अब तो प्रेम का पैमाना,
अब रिश्तों मे बगैर मुनाफे के,
कोई सीन नही करेगा कोई ।।
ये पीढ़ी आखिरी थी, दिल को दुखा लिया हमने,
अपने आखों के आँशु, आँखों मे ही सुखा लिया हमने,
अब तो लोग जिश्म से खेलेंगे और चलते बनेंगे...
जो जल रहा था चराग़, आशियाने मे,
अब तो उसे भी बुझा लिया हमने ।
गर जिंदा रहा तो देखूंगा, तुम्हारे बच्चों का कारनामा.. ...
यकीन मानो मर्द का,हर रात रंगीन करेगा कोई....
अब गुजर रहा है वो जमाना,
अब किसी पर भी यकीन नही करेगा कोई.. ।।
तुम देखना कुछ ही सालों मे,
कोई आये - जाए नही रह पायेगा मलालों मे,
हर रोज दूसरा होगा, निगाहों के इन खयालों मे,
तुम ढुंढोगे पुस्तक के पन्नों मे,
जबाब रहेगा पूछे गए शवालों मे ।
तुम डाटते रह जाओगे,
तुम सिखाते रह जाओगे..
कुछ असर नहीं करेगा तुम्हारा ताना ...
यकीन मानो तुम्हारे उसूलों का तौहीन करेगा कोई...
अब गुजर रहा है वो जमाना,
अब किसी पर भी यकीन नही करेगा कोई.. ।।
इश्क़ नही, जिश्म की चाहत पूरी की जायेगी,
नये जमाने के नाम पर, हर कहानी अधूरी की जायेगी,
अपनापन मिट जायेगा, रिश्तों की अहमियत मे दूरी की जायेगी,
ना चाहते हुए भी, कुछ अजीब
चरित्रों की मंजूरी दी जायेगी ।
खत्म होगा मोहब्बत करने और निभाने का अफसाना...
यकीन मानो उम्र से पहले मिलकर,
खुद को हसीन करेगा कोई....
अब तो गुजर रहा है वो जमाना,
अब किसी पर भी यकीन नहीं करेगा कोई.. ।।
✍️ Author Munna Prajapati
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- गलत लोगों का साथ रहना, बहोत हानिकारक है, ख्याल करें :-
मैं आपसे दिल की बात करूंगा। वो बात जो शायद आप सुनना नहीं चाहते, पर जो सच है।
जानते हो, जिंदगी एक सफर है। और इस सफर में हमारे साथी कौन हैं, ये बहुत मायने रखता है।
मुझे याद है, मेरा एक दोस्त था - अमन ( कल्पनिक नाम)। कितना होशियार था वो। लेकिन फिर क्या हुआ? गलत दोस्तों के चक्कर में फंस गया। धीरे-धीरे नशे की गिरफ्त में आ गया। आज जब उसे देखता हूं तो दिल दुखता है। वो चमकती आंखें अब खाली सी हो गई हैं।
फिर सोनू की कहानी है ( मैने कहीं पढ़ा है )। प्यार में अंधा होकर एक ऐसी लड़की से शादी कर ली जो उसे समझती ही नहीं थी। आज वो घर में रहता है, पर अकेला महसूस करता है। उसकी मुस्कुराहट कहीं खो गई है।
और रीना (यह उदाहरण ली गई है )? उसने अपने माता-पिता की बात मानकर एक ऐसे शख्स से शादी कर ली जो उसे पसंद ही नहीं था। आज वो जिंदा है, पर जी नहीं रही।
मैं ये सब देखकर सोचता हूं - क्यों हम अपनी जिंदगी को इतना कम आंकते हैं? क्यों हम गलत लोगों को इतनी अहमियत देते हैं?
दोस्तो, समझो। गलत लोग सिर्फ हमारा वक्त ही नहीं बर्बाद करते, वे हमारी रूह को भी तोड़ देते हैं। वे हमारे सपनों को कुचल देते हैं। हमारी हंसी छीन लेते हैं।
लेकिन याद रखो, अभी भी देर नहीं हुई है। अगर आप गलत लोगों से घिरे हुए हैं, तो बाहर निकलने की हिम्मत जुटाओ। हां, मुश्किल होगा। दर्द होगा। लेकिन ये दर्द उस दर्द से कम होगा जो आप अपनी पूरी जिंदगी गलत लोगों के साथ रहकर झेलोगे।
अपने आप से प्यार करो। अपने सपनों को अहमियत दो। सही लोगों को अपनी जिंदगी में जगह दो। वो लोग जो आपको ऊपर उठाएं, आपको प्रेरित करें, आपकी खुशियों में खुश हों।
क्योंकि अंत में, जिंदगी बहुत छोटी है। इसे उन लोगों के साथ जियो जो इसे खूबसूरत बनाते हैं, न कि बर्बाद करते हैं।
माँ बाप को भी अपने बच्चों के प्रति विचार करने का आग्रह करता हूँ । जो अपने बच्चों को पुराने उसूलों पर चलाते हैं और अपने अनुसार उनके भविष्य को निश्चित करना चाहते हैं ।
नही ऐसा क्यूँ होगा कोई, हर एक इंसान अलग अलग खूबियों से सुसज्जित है उसे अपने खूबियों पर काम करने दीजिये, वो एक दिन सर्वश्रेष्ठ साबित होगा ।
अगर आप मे काबिलियत है और आप उस जगह पर नहीं हैं तो क्यूँ नही हो! सोचो तुम्हे वही पर होना है, अगर तुम कहीं और हो तो क्यूँ!
तुम कभी सफल नही होंगे । जीवन भर संघर्ष ही संघर्ष रहेगा । कभी दिल को खुशी नही मिल सकती ।
ख्याल करो, सोचो और जो हुनर तुम मे है उसके साथ आगे बढ़ो । जो लगे की तुम्हारे लिए सही नही है, उससे खुद को किनारा कर लो । दूर हो जाओ । संगत का प्रभाव इंसान को ले डूबता है कहीं का नही छोड़ता । ये मेरी बातें कहीं लिख लेना और जीवन भर याद रखना ।
मै उतना बड़ा ज्ञानी तो नही परंतु जो मन में आया मैने समझाने की कोशिश की है अब आगे आपकी इच्छा । धन्यवाद🙏
✍️ Author Munna Prajapati
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